नई दिल्लीः निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैं सदन के प्रत्येक सदस्य को धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने यहां प्रस्तुत बजट पर अपनी बात रखी और इसमें रुचि ली। मैं सदन के लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार को लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक कार्यकाल देने के लिए यह लोगों के विश्वास और उस प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है जिसके साथ प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कर रहे हैं और इसलिए स्थिरता का निर्माण कर रहे हैं और जन-केंद्रित नीतियों के साथ आ रहे हैं। हम सभी 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे।
राजकोषीय घाटे को 4.5% से नीचे लाएंगे
निर्मला सीतारमण ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय के कारण कोविड के बाद हमने उच्च गति से विकास किया है और अब हमारा देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का खर्च तेजी से बढ़ा है। हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का अनुपालन कर रहे हैं; 2025-26 तक इसे 4.5% से नीचे लाएंगे।
वित्त मंत्री ने विपक्ष को दिया जवाब
वित्त मंत्री सीतारमण ने ने कहा कि यूपीए सरकार के समय बजट में कई राज्यों का नाम नहीं लिया जाता था तो क्या इसका मतलब यह था कि उन राज्यों को आवंटन नहीं हुआ था। इस साल के बजट में पिछले साल की तुलना में किसी भी क्षेत्र के लिए कम आवंटन नहीं किया गया है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर कही ये बात
निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमने इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के केंद्रीय बजट में 17,000 करोड़ रुपये की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें 12,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की लागत का वित्तपोषण एक बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर को विकास गतिविधियों पर पैसा खर्च करने में अधिक लचीलापन मिले।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी आर्थिक वृद्धि न केवल बेहतर है बल्कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने के रास्ते पर भी हैं। उल्लेखनीय है कि 2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है और भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाले प्रमुख देश का दर्जा बरकरार रखा है।
वित्त मंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर दिया जवाब
वित्त मंत्री ने विपक्षी दलों के सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन कम करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट दस्तावेज इसके उलट बयां करता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष से ज्यादा है। बीच-बीच में हिंदी में चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘विपक्षी सदस्यों ने कहा कि बजट में केवल दो राज्यों को पैसा दिया गया है। यह कुछ और नहीं बल्कि लोगों को गुमराह करने का काम है। उन्होंने कहा, ‘‘2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं था।