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छीने गए अधिकारों की बहाली के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ें, बंदूकों से नहीं: महबूबा

महबूबा ने सीमावर्ती जिले राजौरी में युवा सम्मेलन में कहा, आपको स्थिति को समझना होगा और हमारी आवाज बनना होगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 18, 2021 18:59 IST
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Image Source : PTI PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने युवाओं से कहा कि वे केंद्र द्वारा ‘छीने गए अधिकारों’ की बहाली के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ाई लड़ें।

Highlights

  • महबूबा ने कहा कि सरकार के पास हमलों के बारे में पहले से ही खुफिया सूचनाएं थीं, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।
  • महबूबा ने कहा कि जो मारे गए वे हमारे अपने लोग थे, लेकिन 900 कश्मीरी युवक गिरफ्तार किए गए।
  • PDP नेता ने कहा कि हमारी जेल खचाखच भरी हुई हैं इसलिए लोगों को अब आगरा जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है।

जम्मू: पीपुल्स डेमिक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को युवाओं से कहा कि वे केंद्र द्वारा ‘छीने गए अधिकारों’ की बहाली के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ाई लड़ें, क्योंकि आगे का रास्ता अहिंसा का है, न कि पत्थरों या बंदूकों का। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के पास आतंकवादियों द्वारा आम लोगों की हत्या किए जाने से संबंधित खुफिया जानकारी पहले से ही थी, लेकिन उसने इसे रोकने के लिए जानबूझकर कदम नहीं उठाए।

‘मैं बंदूक उठाने के लिए नहीं कहूंगी’

महबूबा ने सीमावर्ती जिले राजौरी में युवा सम्मेलन में कहा, ‘आपको स्थिति को समझना होगा और हमारी आवाज बनना होगा। अगर आपने आज साहस नहीं दिखाया, तो आने वाली पीढ़ियां सवाल उठाएंगी क्योंकि हमारी जमीन, नौकरी और यहां तक कि खनिज भी बाहरी लोगों के पास जा रहे हैं। हमारे लिए खड़ा होना और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना अनिवार्य है। मैं आपको कभी भी पत्थर या बंदूक उठाने के लिए नहीं कहूंगी। मैं जानती हूं कि उनके पास इस रास्ते पर चलने वालों के खिलाफ एक गोली तैयार है। आपको आवाज उठानी होगी और हमारे छीने गए अधिकारों के लिए एक लोकतांत्रिक संघर्ष में शामिल होना होगा।’

‘जो मारे गए वे हमारे अपने लोग थे’
घाटी में हाल में आतंकवादियों द्वारा की गई आम लोगों की हत्याओं का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि सरकार के पास हमलों के बारे में पहले से ही खुफिया सूचनाएं थीं, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘जो मारे गए वे हमारे अपने लोग थे, लेकिन 900 कश्मीरी युवक गिरफ्तार किए गए। जब गृह मंत्री ने (पिछले महीने) जम्मू कश्मीर का दौरा किया तब 1,000 और युवाओं को उठाया गया। हमारी जेल खचाखच भरी हुई हैं और इसलिए गिरफ्तार किए गए लोगों को अब आगरा जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है।’

‘अपने पिता के शब्दों पर पूरा भरोसा है’
महबूबा ने युवाओं से पूछा कि जब 3 कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध करने वाले किसान सरकार से उन्हें निरस्त करा सकते हैं तो ‘30 वर्षों में हजारों बलिदान’ वाले कश्मीर मुद्दे को शांति से क्यों नहीं सुलझाया जा सकता है। महबूबा ने कहा कि उन्हें अपने पिता के शब्दों पर पूरा भरोसा है, जिन्हें ‘जम्मू और कश्मीर के लोगों को भारत द्वारा अलग झंडा, संविधान और भूमि अधिकार’ दिए जाने पर गर्व था। उन्होंने बीजेपी पर ‘मुस्लिम विरोधी’ होने का आरोप लगाया।

‘उनके लिए हम बाबर और औरंगजेब की संतानें हैं’
महबूबा ने युवाओं से कहा, ‘उनके लिए हम बाबर और औरंगजेब की संतानें हैं, दीमक और कैंसर। आपको हमारी आवाज बनना होगा क्योंकि वे 5 अगस्त, 2019 के अपने नाजायज फैसले को वैधता देने के लिए लोगों को बांटने की अपनी कोशिशें जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा कि जम्मू के लोग अब इस फैसले के नतीजों को महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनकी जमीन और नौकरी बाहरी लोगों को जा रही है, जबकि कश्मीर में सुरक्षाबलों को पक्का घर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराई जा रही है।

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