राज्यसभा और लोकसभा में शीतकालीन सत्र जारी है। इस दौरान सदन में खूब हंगामा देखने को मिल रहा है। विपक्ष द्वारा राज्यसभा में राज्यसभा के अध्यक्ष व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस मामले पर खूब विवाद देखने को मिल रहा है। इससे पहले कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने जगदीप धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसका बाद राज्यसभा के चेयरमैन ने भी पलटवार किया है। जयपुर में जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ ताकतें देश की तरक्की को पचा नहीं पा रही है। धनखड़ ने नाम लिए बिना इशारों में विपक्ष पर आरोप लगाया कि देश को खंडित करने का, देश की संस्थाओं को अपमानित करने की साजिश हो रही है।
सद्गुरु ने दिया बयान
इस मामले पर अब ईशा योगा सेंटर के संस्थापक सद्गुरु ने बयान दिया है। सद्गुरु ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर तब जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारत के धन सृजनकर्ता और रोजगार प्रदाता राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनने चाहिए। अगर कोई विसंगतियां हैं, तो उन्हें कानून के दायरे में निपटाया जा सकता है, लेकिन उन्हें राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय व्यवसाय फले-फूलें। यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत भव्य भारत बनेगा।'
जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच बहस
राज्यसभा में इस बहसबाजी के बीच जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि जॉर्ज सोरो का सोनिया गांधी से क्या संबंध है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन का अपमान किया गया है। हम निंदा प्रस्ताव लाएंगे। नड्डा ने कहा कि देश की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। देश को भटकाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उसे देश माफ नहीं करेगा। जेपी नड्डा के बयान पर मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में कहा कि सरकार सदन को चलाना नहीं चाहती। खरगे ने कहा कि भाजपा असली मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने का काम कर रही है