पणजी: गोवा में कुछ अभिनेत्रियों ने राज्य के कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन अभिनेत्रियों का आरोपी है कि गौडे ने राज्य पुरस्कार प्रदान करने के मुद्दे पर कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र की महिलाओं का अपमान किया है। इन महिला अभिनेत्रियों ने गौडे को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। बता दें कि गौडे ने प्रतिष्ठित गोवा राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार के 12 प्राप्तकर्ताओं के नामों की घोषणा की, जिनमें एक भी महिला नहीं है। प्रोड्यूसर-एक्ट्रेस ज्योति कुनकोलिएनकर ने एक्ट्रेस सुचिता नार्वेकर और कार्यकर्ता औडा वीगास के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और महिलाओं का 'अपमान' करने के लिए गौडे को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की।
‘क्या कोई भी महिला इस काबिल नहीं थी’
ज्योति कुनकोलिएनकर ने कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर जो महसूस किया, वही बात कही। इसके बाद मंत्री ने कहा कि कोई भी महिला इस काबिल नहीं थी कि उसे पुरस्कार दिया जा सकते। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कोई नियम है कि पुरस्कार महिलाओं को भी दिए जाने चाहिए?' कुनकोलिएनकर ने सवाल किया कि क्या ऐसा कोई नियम है कि पुरस्कार केवल पुरुषों को दिया जाना चाहिए? उन्होंने मंत्री के उस कथित बयान को भी खारिज कर दिया कि पुरस्कारों के लिए हजारों आवेदन प्राप्त हुए थे। ज्योति ने कहा, ‘ज्यादा से ज्यादा 120 आवेदन प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं।’
‘महिलाएं भी इन पुरस्कारों की हकदार’
कुनकोलिएनकर ने मामले में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के साथ सामने आने और पुरस्कारों के लिए आवेदन करने वालों के नामों की घोषणा करने का अनुरोध करती हूं।’ सुचिता नार्वेकर के मुताबिक, गौडे ने यह भी कहा कि जब पुरस्कारों पर निर्णय लेने की बात आती है तो यह महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाला पंचायत चुनाव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम राज्य पुरस्कारों के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि महिलाएं भी इन पुरस्कारों की हकदार हैं।’
‘योग्यता के आधार पर दिए जाते हैं पुरस्कार’
नार्वेकर ने यह भी सवाल किया कि क्या उन हजारों आवेदनों में एक भी महिला नहीं थी जो पुरस्कार की हकदार हो सकती थी। सुचिता ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से ऐसे मंत्री को हटाने का अनुरोध करती हूं जो महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानता। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि अतीत में महिलाओं के आंदोलन के कारण एक मंत्री को पद छोड़ना पड़ा था।’ इस बीच गौडे ने स्पष्ट किया था कि पुरस्कार प्रदान करने के लिए एक चयन समिति नियुक्त की गई थी और निर्णय पैनल द्वारा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि पुरस्कार योग्यता के आधार पर दिए जाते हैं।