भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग ने मुस्लिम वोटों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इस मास्टर प्लान के तहत पूरे देश से 65 लोकसभा सीटों पर मोदी मित्र बनाएं जाएंगे, जो बीजेपी के लिए लोगों के बीच जाकर प्रचार करेंगे। बता दें कि हरदम चुनावी मोड में रहने वाली भाजपा ने इसके लिए मुस्लिम समुदाय के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी बीजेपी के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दी। इस अभियान में भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम समाज के पसमांदा मुस्लिमों को अपना निशाना बनाया है। सिद्दीकी ने जानकारी देते हुए बताया कि मोदी मित्र अभियान की शुरुआत रामेश्वरम से की जाएगी। रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम के पोते भी मोदी मित्र बनने की सहमति दी है। साथ 10 मई को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथों मोदी मित्र को सर्टिफिकेट वितरित किया जाएगा।
हर लोकसभा में 5000 मोदी मित्र
जमाल सिद्दीकी ने आगे बताया कि अभियान के तहत 65 लोकसभा के क्षेत्र में हर लोकसभा में 5000 मोदी मित्र बनाए जाएंगे। इस तरह पूरे देश में कुछ 3,25,000 मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो 65 मुस्लिम बहुल्य लोकसभा क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्र के मुस्लिम कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करेंगे। सिद्दीकी ने बताया कि इसके लिए मुस्लिम बाहुल्य 65 लोकसभा क्षेत्रों का चुनाव किया गया है, जहां 25 से 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर है। यूपी में 12, बंगाल में 15, केरल के 8, असम के 6, जम्मू कश्मीर में 5, बिहार के 4, मध्य प्रदेश के 3, महाराष्ट्र में 2 इसी तरह अन्य राज्यों में से भी 1/2 लोकसभा सीटों पर लक्ष्य रखा गया है। मोदी मित्र अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर ये बताने की कोशिश करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की योजनाएं बिना किसी भेदभाव के तहत बनाई गई है। मोदी मित्र में जिनका चयन किया जाएगा उनमें प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे गैर-राजनीतिक व्यक्ति शामिल रहेंगे।
पसमांदा मुसलमानों की संख्या ज्यादा
भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि मोदी मित्र के तहत पसमांदा मुसलमानों को मुख्य धारा में लाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें बताने की कोशिश की जाएगी कि केंद्र सरकार ने उनके हित में कई निर्णय लिए हैं और आगे भी उनके भलाई के लिए सरकार फैसले ले रही है, जिनका उन्हें बिना भेदभाव के इसका फायदा लेना चाहिए। सिद्दीकी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में पसमांदा मुसलमानों की संख्या मुस्लिम संख्या के 75 से 80% है।