नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़कर शिंदे गुट में शामिल होने वाले मिलिंद देवड़ा ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। INDIA TV से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कांग्रेस के आलाकमान ने नरेंद्र मोदी सरकार की सभी नीतियों का विरोध करना का फरमान जारी किया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में अब सकारात्म राजनीति नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले एक राष्ट्रवादी पार्टी थी, लेकिन अब कांग्रेस देश को बांटने की राजनीति कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी वोट हासिल करने के लिए गिर सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अब दम घुट रहा था। इसके अलावा भी कई मामलों पर मिलिंद देवड़ा ने अपनी बात रखी और कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
मिलिंद ने क्यों दिया इस्तीफा?
अपने इस्तीफे के बारे में जवाब देते हुए मिलिंद देवड़ा ने कहा कि ऐसे निर्णय लेना मेरे लिए आसान नही था। मैं कांग्रेस पार्टी के प्रति निष्ठावान रहा हूं। पार्टी ने जो काम दिया उसे मैने हमेशा पूरा करने की कोशिश की। लेकिन पिछले कुछ सालों से मैं देख रहा हूं कि पार्टी की जो विचारधारा थी और जो आज पार्टी की विचारधारा है, पार्टी का जो अप्रोच है वह बहुत अलग है। कांग्रेस में 2004 से लेकर आज 2024 तक में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि जब अटल जी पीएम थे तो कांग्रेस ने विपक्ष का अच्छा रोल निभाया, लेकिन आज नकारात्मक राजनीति हो रही है और पर्सनल अटैक्स किए जा रहे हैं।
केंद्र की योजनाओं को बनाया जाता था टारगेट
देवड़ा ने कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जब कुछ प्रपोज करते हैं तो उसका विरोध होता है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार विरोध की राजनीति हो रही है। उदाहरण के तौर पर जब पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया लॉन्च किया, तब यह एक स्ट्रैटेजिक फैसला था। इसकी वजह से ना सिर्फ रोजगार बढ़ता बल्कि चीन पर भी इसका असर होता है। उस समय मुझे याद है मैने कुछ सजेशन दिया था कि अगर हम विरोध के जगह पर ये कहते कि मेक इंडिया ऐसा होना चाहिए तो बेहतर होता। पिछले 10 वर्षों में मैंने सिर्फ नीतियों पर अटैक किया, विचारधारा पर अटैक किया, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने कभी किसी को टारगेट नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पॉलिसी है 'अटैक फॉर अटैक'। चुनाव के दौरान विरोध करना आम बात है लेकिन चुनाव के बाद जो 5 साल होते हैं उस दौरान कुछ तो सकारात्मक काम करो, देश को कैसे आगे बढ़ाना है उस पर काम करना चाहिए।
देश को बांट रही कांग्रेस पार्टी
पहले कांग्रेस एक राष्ट्रवादी पार्टी थी, लेकिन आज वह उत्तर भारत दक्षिण भारत में देश को बांट रही है। जातिगत जणगणना की बात कर रहे हैं। कांग्रेस की समस्या यह है कि पार्टी के लिए वोट हासिल करने के लिए वह किस हद तक नीचे गिर सकते हैं और इस तरह की राजनीति में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। दिलचस्पी तो छोड़िए मैं इस तरह की कोई हरकत नहीं कर पाता हूं। इसलिए मैं टीवी पर नहीं आता हूं क्योंकि मैं नकारात्मक बातें नहीं रख सकता हूं, मैं सकारात्मक सुझाव ही दूंगा। अगर टीवी पर आया तो मुझे अटैक करना होगा। अगर सत्तापक्ष मुंबई या देश के हित में कोई सजेशन देगा तो मुझे उसको अटैक करना होगा। मेरे जैसे कई नेता हैं जो काम करना चाहते हैं। जो राजनीति में आए हैं ताकि सकारात्मक योगदान इस देश के लिए दे सकें।
कांग्रेस में कम हो रहे सकारात्मक विचार वाले नेता
मिलिंद देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में सकारात्मक विचार रखने वाले नेताओं के लिए जो जगह थी वह धीरे-धीरे कम हो रही है। इसी वजह से हम सभी का सबसे ज्यादा दम घुट रहा है। इसी वजह से कुछ लोग पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में चले गए। कुछ लोगों ने राजनीति छोड़ दी, कुछ एनजीओ से जुड़ गए। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस अपने आप को सुधारना नहीं चाहती है। यह मेरे लिए बहुत बड़ा निर्णय था। 55 साल पुराना रिश्ता ऐसे समाप्त हुआ। तमाम दिक्कतों के बावजूद मैं Hope Against Hope कर रहा था कि पार्टी आत्म चिंतन करेगी। 2014 और 2019 चुनाव के बाद पार्टी में मैंने सार्वजनिक रूप से यह बातें कहीं, मैंने निजी तौर पर भी पार्टी को कहा कि अगर हम अपने आप को सुधारना चाहते हैं, अगर सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं तो हम सभी को आत्म चिंतन करना चाहिए। लेकिन मेरी बातों को विरोध के रूप में देखा गया कि जैसे मैंने कोई गलत सुझाव दे दिया हो।
कांग्रेस में नहीं दिखती आत्मचिंतन की रुचि
कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं को शुभकामनाएं दे रहा हूं, मेरा मैसेज सिर्फ इतना है कि हमारे देश में एक सकारात्मक विपक्ष हो। मुझे प्रधानमंत्री मोदी के हाथ मजबूत करने का एक अवसर मिला है। मुंबई जैसे शहर के लिए एक बड़े गर्व की बात है कि पिछले 10 वर्षों में एक भी आतंकवादी हमला इस शहर में नहीं हुआ। जबकि पहले हमेशा आतंकवादी हमले होते थे। इसका कारण है केंद्र सरकार और राज्य सरकार। मैंने जब इस्तीफे की बात कही तब एक नेता ने मुझे मैसेज भेजा कि 'इस्तीफा देने के लिए तुम कोई और बेहतर दिन चुन सकते थे'। हमारे परिवार ने 55 साल पार्टी को दिए। मैंने बहुत कोशिश की कि पार्टी में सुधार हो, पार्टी आत्म चिंतन करें, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस पार्टी में आत्म चिंतन करने की कोई रुचि है।
कांग्रेस को छोटे-छोटे काम करने की जरूरत
मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे पर राहुल गांधी की खामोशी को लेकर उन्होंने कहा कि जब पार्टी का एक नेता निराश है, उसका दम घुट रहा है, जब वह कठोर निर्णय लेना चाहता है ऐसे में किसी भी संगठन के सीईओ, मलिक या संगठन के अध्यक्ष को उसे व्यक्ति को बुलाना चाहिए, उसके साथ बैठकर बात करनी चाहिए कि उसकी क्या समस्या है, उसकी क्या राय है, उसकी क्या अपेक्षा है? ऐसे कहना कि आपको एक दूसरा दिन चुनना चाहिए था यही एक कारण है कि मैंने पार्टी छोड़ दी। नेताओं-कार्यकर्ताओं को किस तरह से पार्टी से जोड़ना चाहिए, किस तरह से लोगों को आकर्षित करना चाहिए, आम लोगों के हाथों को कैसे मजबूत करना चाहिए, कांग्रेस पार्टी को इस एरिया में बहुत-बहुत काम करने की जरूरत है।
कांग्रेस ने हम जैसे नेताओं को यूज किया
वहीं राहुल-प्रियंका से हुई बातचीत को लेकर मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यह मैं पब्लिक में नहीं कह सकता। आज से 5 साल पहले 2019 में मुझे मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। उसे समय मैं खुद चुनाव लड़ रहा था लेकिन चुनाव के बाद मुझे कहा गया कि आप इस्तीफा दीजिए। जबकि उस चुनाव में मेरा कोई रोल नहीं था और ना ही उम्मीदवार के चुनाव में मेरा कोई रोल था। 5 वर्षों तक मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। जब भी कभी कोई छोटी-मोटी जिम्मेदारी दी जाती थी तो मैं उसे पूरा करता था। मेरे जैसे लोगों को जो पार्टी के निष्ठावान हैं, पार्टी के लिए संघर्ष करना चाहते हैं, पार्टी के सबसे मुश्किल दशक में साथ खड़े थे, कांग्रेस पार्टी ने हम जैसे नेताओं को सही ढंग से यूज किया।
कांग्रेस का कल्चर गलत
कांग्रेस के कल्चर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक गलत कल्चर है कि अगर कोई जाना चाहता है, किसी में असंतोष है, कोई नाराज है तो आप जा सकतें हैं। पार्टी में डिबेट कल्चर होना चाहिए कि ये मेरी राय है ये आपकी राय है। ये मेकैनिजम पार्टी में अब तक स्थापित नहीं हुआ है। पार्टी को लोकतांत्रिक होना चाहिए। कांग्रेस में मौजूद मेरे दोस्तों से निवेदन करूंगा पार्टी को अगर वह लोकतांत्रिक बनाएंगे तब भारत जरूर सकारात्मक बनेगा। कई मुद्दे हैं जिनकी वजह से मैं निराश था, लेकिन अंत में जब ठाकरे सेना ने कहा कि कांग्रेस को जीरो से शुरू करना होगा तब कांग्रेस के केंद्र के किसी भी बड़े नेता ने ठाकरे सेना के इस बयान की निंदा नहीं की। आज ठाकरे सेना की क्या हालत है यह हम सभी जानते हैं। ठाकरे के पास ना चुनाव चिन्ह है, ना विधायक है न सांसद हैं।
परिवार ने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज लॉस्ट हो चुकी है। उसे पता नहीं है कि हमें क्या करना है, कैसे करना है, विचारधारा मिलती है या नहीं है इसके बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। हमें कांग्रेस पार्टी ने बहुत कुछ दिया इस बात को मैं स्वीकारना चाहता हूं लेकिन मेरे परिवार ने भी कांग्रेस पार्टी को बहुत कुछ दिया। उन्होंने कहा कि मैं 10 सालों से संसद से बाहर हूं। संसद में जाकर मुझे घर की लालच नहीं है, मुझे गाड़ी की लालच नहीं है, लेकिन मैं जनता के लिए काम करना चाहता हूं। हर किसी की अपेक्षा, आकांक्षा, इच्छा है कि अगर पार्टी उनके हाथ को मजबूत करेगी तो वह जनता की सेवा कर सकते हैं।
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