नई दिल्ली: यूपी की मथुरा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं हेमा मालिनी ने आज India TV से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पिछले 10 सालों में अपने कामों को गिनाया। इसके साथ ही उन्होंने आगे के पांच सालों का अपना प्लान भी बताया। वहीं एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने राजनीति के 'जय-वीरू की जोड़ी' के बारे में भी बताया। उन्होंने शोले फिल्म के किरदारों का जिक्र करते हुए ये भी बताया कि 'राजनीति का गब्बर' कौन है और राजनीति में वह किसे 'अंग्रेजों के जमाने का जेलर' मानती हैं।
क्या है हेमा मालिनी का प्लान
हेमा मालिनी ने इस बार भी खुद को टिकट मिलने को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'मैं यहां अपने काम की वजह से हूं। पहले पांच सालों में भी मैंने बहुत काम किया और बाद के पांच सालों में भी मैंने मथुरा के सौंदर्यीकरण के कार्य कराए। इसमें मैंने कई हाईवे बनवाए, अभी भी 4000 करोड़ का एक रोड बन रहा है। तो मथुरा में आने वाली भीड़ की वजह से जो जाम लग रहा था अब ट्रैफिक जाम जैसी घटनाओं से यहां के लोगों को राहत मिली है।' वहीं अपने आगे के 5 सालों के प्लान के बारे में उन्होंने कहा कि 'मथुरा में 84 कोसी परिक्रमा, यमुना का शुद्धिकरण, क्षेत्र का सौंदर्यीकरण और मथुरा में एक रिंग रोड का काम अभी बाकी है, जो मैं करा रही हूं।'
विपक्ष पर क्या बोलीं हेमा मालिनी
विपक्ष पर निशाना साधते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि 'यमुना में गंदगी को लेकर ये लोग लगातार बोलते हैं, लेकिन ये लोग खुद दिल्ली से यमुना में गंदगी डालते हैं। आगे के 5 सालों में मैं उसे भी रोकने का काम करने वाली हूं।' हेमा मालिनी ने खुद पर लगे प्रवासी टैग को लेकर कहा कि 'मैं वो टैग नहीं हटा सकती हूं, क्योंकि ये सच है कि मैं मुंबई से आई हूं। लेकिन मैं यहां नेतानगरी करने नहीं आई हूं, मैं यहां पर काम करने आई हूं और काम कर रही हूं। जो लोग मुझे प्रवासी कहते हैं उन्होंने खुद मथुरा के लिए क्या किया है। वह सिर्फ कम्प्लेन करना जानते हैं।'
राजनीति में शोले के किरदार
वहीं 70 के दशक की मशहूर फिल्म शोले के किरदारों का राजनीति में जिक्र करते हुए उन्होंने कुछ नाम गिनाए। हेमा मालिनी ने एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी को 'राजनीति का जय-वीरू' बताया। जब उनसे राजनीति के गब्बर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष ही गब्बर है। वहीं शोले में अंग्रेजों के जमाने के जेलर को लेकर जब पूछा गया कि 'राजनीति में अंग्रेजों के जमाने का जेलर' आप किसे मानती हैं, तो उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिया। हेमा मालिनी ने कहा कि 'राहुल गांधी जी जिस तरह से बयान देते हैं तो उसमें कोई सीरियसनेस नहीं दिखती। ऐसे लगता है कि वो मजाक कर रहे हैं।'
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