कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। लगातार चार दिनों तक चली खींचतान के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर सिद्धारमैया पर भरोसा जताया है। सिद्धारमैया कर्नाटक के सीएम होंगे तो कांग्रेस के कर्नाटक अध्यक्ष डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। आज शाम 7 बजे बेंगलुरू में विधायक दल की बैठक होने वाली है..जिसमें औपचारिक तौर पर सिद्धारमैया को विधायक दल का लीडर चुना जाएगा। लेकिन डीके शिवकुमार कर्नाटक के सीएम भले ही नहीं बन पाए लेकिन कांग्रेस आलाकमान से अपनी एक जिद मनवाने में जरूर कामयाब रहे।
पार्टी ने रखा था तीन डिप्टी सीएम का फॉर्मूला
सूत्रों ने बताया कि कल जब डीके शिवकुमार राहुल गांधी से मुलाकात करने जा रहे थे, उससे पहले ही उन्हें ये बता दिया गया था कि सिद्धरामैया मुख्यमंत्री बनाए जा रहे हैं। शिवकुमार को भी ये बताया गया था कि पार्टी उनके अलावा एक लिंगायत और एक दलित डिप्टी सीएम भी बनाना चाहती है। तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर डीके शिवकुमार एकदम असहमत थे।
डीके शिवकुमार ने मनवाई अपनी ये जिद
सूत्र बताते हैं कि डीके शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान के सामने इस जिद को लेकर अड़े रहे कि वह अकेले ही डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं। लेकिन पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनके अलावा एक लिंगायत और एक दलित उपमुख्यमंत्री भी बनाना चाहती थी। लेकिन डीके शिवकुमार इसके लिए राजी नहीं हुए। डीके अपनी जिद से टस से मस होने को तैयर नहीं थे। फिर कई राउंड्स की मीटिंग के बाद डीके की इस मांग को पार्टी ने मान लिया।
ढाई-ढाई साल की होगी पावर शेयरिंग
बताया जा रहा है कि शिवकुमार 2 साल के बाद अगले 3 साल के लिए मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। उनकी हालत राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसी न हो इसीलिए पॉवर शेयरिंग की डील को लेकर मौखिक आश्वासन से संतुष्ट नहीं थे। यही वजह रही कि रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल ने शाम के बाद फिर से कई राउंड की मीटिंग की। गांधी परिवार भी इस बातचीत में शामिल हुआ। डीके शिवकुमार को जब AICC के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि जब उनका (शिवकुमार) टर्न आएगा तो उन्हें सीएम बनाया जायेगा, इसके बाद डीके शिवकुमार मान गए। सूत्र बताते हैं कि इसके तहत पावर शेयरिंग ढाई-ढाई साल की होगी।
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