नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा एक दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने दोनों राजनीतिक दलों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनावों के दौरान की गई शिकायतों पर संज्ञान लिया है।आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दोनों को अलग-अलग चिट्ठी भेजी है और पूरे मामले पर जवाब देने को कहा है।
मल्लिकार्जुन खरगे को लिखी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने बीजेपी द्वारा 11 नवंबर को दर्ज की गई शिकायत का उल्लेख किया गया है। इस शिकायत में झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों और उपचुनावों के लिए प्रचार के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।
ठीक इसी तरह जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा 13 नवंबर को दायर की गई दो शिकायतों का उल्लेख किया है, जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारकों द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। दोनों पार्टी अध्यक्षों से कहा गया है कि वे सोमवार दोपहर 1 बजे तक औपचारिक जवाब दाखिल करें।
बीजेपी की शिकायत
बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में उन पर चुनाव वाले महाराष्ट्र में संविधान के बारे में गलत बयान देने और "राज्यों के बीच मतभेद पैदा करने" के लिए झूठ बोलने का आरोप लगाया गया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 11 नवंबर को कहा था, "बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की। हमने उन्हें बताया कि 6 नवंबर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर झूठ बोलने की कोशिश की। महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की।"
कांग्रेस की शिकायत
कांग्रेस द्वारा भी बीजेपी के खिलाफ दो शिकायतें चुनाव आयोग में दर्ज कराई गई थी। एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ और दूसरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ। इन शिकायतों में उन पर महाराष्ट्र और झारखंड में "झूठे, विभाजनकारी" भाषण देने का आरोप लगाया गया था।
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने दो पत्रों की प्रतियां संलग्न करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था, "महाराष्ट्र और झारखंड में दिए गए उनके विभाजनकारी, झूठे और दुर्भावनापूर्ण भाषणों के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग में हमने शिकायत दर्ज कराई है। हमने चुनाव आयोग से बीजेपी और उसके स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जांच कराने की मांग की है।