हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी ज्ञानचंद और प्रभात चंद के खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने PMLA के तहत जांच शुरू की है। ये जांच इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर, शिकायतों और फील्ड वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई है। ED के सुत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि ये दोनों सैकड़ों करोड़ के स्कैम में शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
ED सूत्रों के मुताबिक 4 जुलाई को ED ने हिमाचल के कांगड़ा स्थित एम/एस मा ज्वाला स्टोन क्रशर के यहाँ सर्च ऑपरेशन चलाया था। ये कंपनी ज्ञान चंद के नाम पर है। सर्च के दौरान ED को हिमाचल में चल रही अवैध खनन के सबूत मिले। सूत्रों के मुताबिक ज्ञान चंद हिमाचल प्रदेश की डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस कमिटी का मेंबर भी हैं।
अवैध खनन का बड़ा आरोप
ED सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि कंपनी जय मां क्रशर के पास लाइसेंस तो था लेकिन माइनिंग नदी के तल पर भी की जा रही थी। जांच में ये भी सामने आया है कि ये कंपनी अवैध खनन लाइसेंस एरिया से आगे भी कर रही थी। माइनिंग मटेरियल को बड़ी मात्रा में कैश में बेचा जा रहा था। साथ ही दूसरी जगह से माइनिंग मटेरियल को बिना ट्रांसपोर्ट परमिट के यहां लाकर क्रश किया जा रहा था,और बेचा जा रहा था।
जांच में क्या मिला?
ED को जांच के दौरान 8 करोड़ रुपये के बारे में पता चला है जिसे एक एकाउंट में डिपोजिट किया गया था, और इस पैसे से जमीनें खरीदी गई थी। सूत्रों के मुताबिक ज्ञान चंद और उसके परिवार को स्टेट गवर्नमेंट से भी रोड कंस्ट्रक्शन के कई टेंडर मिले थे। जिन्हें शेल कंपनी के जरिये हासिल किया गया था।
करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया गया
जानकारी के मुताबिक, अवैध खनन के मैटेरियल को इन रोड कंस्ट्रक्शन के लिये इस्तेमाल किया गया,और कई शेल कंपनी के नाम पर फर्ज़ी बिल बनाये गए। इसकी मदद से गलत तरीके से करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया गया।
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