झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इस बीच ईडी की टीम ने सोमवार को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। खबर थी कि हेमंत दिल्ली में मौजूद हैं। हालांकि, हेमंत अपने आवास पर नहीं थे। इसके बाद से ही भाजपा के नेता हेमंत सोरेन पर ईडी के डर से फरार होने का आरोप लगा रहे हैं। ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन के आवास पर करीब 13 घंटे तक तलाशी ली। इस दौरान ईडी के हाथ कई चीजें लगी हैं।
आवास पर क्या-क्या मिला?
ईडी की टीम सोमवार को सुबह 7 बजे हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास 5/1 शांति निकेतन पहुंची थी। पूरे दिन की सर्च के बाद ईडी रात में बाहर निकली और कई सारे दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले गई। इसके अलावा, हेमंत सोरेन की BMW गाड़ी और ड्राइवर को भी साथ लेकर गई है। इसके साथ ही ईडी ने जानकारी दी है कि उन्हें हेमंत सोरेन के आवास से 36 लाख रुपये कैश भी मिले हैं।
सीएम सोरेन ने बुलाई बैठक
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी रांची नहीं छोड़ने और राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक बैठक में भाग लेने को कहा गया है। ये बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रस्तावित पूछताछ को लेकर रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है। ईडी को भेजे गए ईमेल में सोरेन ने 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर अपना बयान दर्ज कराने पर सहमति जताई।
भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की जांच पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं राज्यपाल से संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत एक रिपोर्ट भेजने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने बताया कि सीएम सोरेन के भाई और भाभी ने मुझसे बात की है। वे सभी दुखी हैं कि झामुमो का गठन शिबू सेन और दुर्गा सेन ने किया था, लेकिन सीएम अपनी पत्नी को प्रभार देना चाहते हैं। कोई भी इस पर सहमत नहीं हो रहा है और वह एक भगोड़े की तरह अपनी पत्नी के लिए प्रभार पाने की कोशिश कर रहे हैं। दूबे ने कहा कि मुझे लगता है कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन के लिए यह सबसे अच्छा अवसर है।
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