मुंबई: महाराष्ट्र एनसीपी के बड़े नेता जितेंद्र आव्हाड फिर एक बार विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने रामनवमी और हनुमान जयंती पर विवादित बयान दिया है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि आज ऐसा लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे त्योहार मानो दंगों के लिए ही मनाए जाते हैं, और आने वाले वर्ष में और दंगा हो सकता है। इंडिया टीवी से खास बातचित में जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान सफाई देते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं लेकिन मेरे बयान के पीछे के मकसद को आपको समझना होगा, विचार करना होगा।
‘राम की आंखों में प्यार नजर आता था’
NCP नेता आव्हाड ने कहा, ‘मेरे बचपन के राम बहुत शांत, सुशील और प्रेम से भरे हुआ दिखाई देते थे। उस राम की आंखों में प्यार नजर आता था। हम भी राम भक्त हैं। जब भी हम गांव में जाते हैं तो लोग राम-राम कहते हैं। राम हमसे अलग नहीं हैं। लेकिन आज पोस्टर में जो राम दिखाई देते हैं वह राम गुस्से से भरे हुए दिखते है, जैसे उनके बाणों से आग निकलने वाली हो। पहले जो राम दिखाई देते थे उनके कंधे पर धनुष होता था, वह शांत दिखते थे। समाज को यह फर्क देखना चाहिए। किस मानसिकता से हमारे राम को आज देखा जा रहा है, यह समाज को बताना बेहद जरूरी हो गया है।’
‘भगवान का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए हो रहा’
आव्हाड ने आगे कहा, ‘हमारा त्योहार वह होना चाहिए जो लोगों को प्यार का संदेश दे, लोगों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करे क्योंकि ऐसे ही तो हमारे भगवान भी थे। लेकिन अब भगवान का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया जा रहा है। इसीलिए मेरे जैसा आदमी इस मुद्दे पर जरूर बोलेगा। मुझे हिंदुत्व सिखाने की कोशिश कोई न करे। मैं हिंदू हूं और मैं हिंदू ही मरूंगा। मेरा हिंदुत्व यह है कि मैं सभी को प्यार बांटता हूं। किसी को डराने के लिए मैं अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करता हूं। आपकी सोच में और मेरे सोच में यही सबसे बड़ा अंतर है।’
‘हिंदू धर्म जीने का तरीका सिखाता है’
आव्हाड ने कहा, ‘बचपन से हमने कभी भी भगवान राम को धनुष लिए आक्रमक मुद्रा में नहीं देखा है। वह हमेशा से शांत दिखाई दिए। उनके एक तरफ भाई लक्ष्मण तो दूसरी तरफ मां सीता थी। ऐसे ही राम को हमने देखा है। हमने भगवान राम की अकेली तस्वीर कभी देखी ही नहीं। एक शिष्य कैसा होना चाहिए, एक भक्त कैसा होना चाहिए, जिसे अपना गुरु मानते हो उसके लिए क्या करना चाहिए इसकी दिशा हमें हनुमान जी दिखाते हैं। हिंदू धर्म जीने का तरीका सीखता है। जीवन में आगे कैसे जाना है, यह हिंदू धर्म सिखाता है।’
‘चंद लोग हिंदू त्योहारों को बदनाम कर रहे’
जितेंद्र आव्हाड ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ कि पूरे महाराष्ट्र में रामनवमी के दिन दंगे हुए? उन्होंने कहा, ‘क्योंकि कुछ चंद लोग हमारे त्योहारों को बदनाम कर रहे हैं। इसीलिए सच्चाई लोगों को बताना हमारा फर्ज बन गया है। आखिर कब तक हम शांत रहेंगे? क्या हम तब तक शांत रहेंगे जब तक आग हमारे घर तक नहीं पहुंच जाती। इसीलिए आज लोगों को सच बताना पड़ेगा।’
‘चुनाव जीतने के लिए पैदा की जा सकती है दरार’
2024 के चुनावों पर आव्हाड ने कहा, ‘सभी तरफ से सत्ताधारी पार्टी घिर चुकी है। महंगाई, बेरोजगारी सहित हर मुद्दे पर भारत नीचे जाता हुआ नजर आ रहा है। चुनाव जीतने के लिए लोगों को आशा दिखानी पड़ती है। यह बताना पड़ता है कि आपका भविष्य हमारे हाथों में सुरक्षित है। जब लोगों को लगने लगे कि हम असुरक्षित है, तब वे क्या करेंगे। आज तक इन लोगों ने धर्म की ही राजनीति की है। इन्होंने कभी राम की यात्रा निकाली तो कभी झूठे बयान दिए। 2024 चुनाव जीतने के लिए हिंदू मुसलमान में दरार कैसे हो, इसकी कोशिश हो सकती है।’