नई दिल्ली: हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस के अंदर मंथन जारी है। शीर्ष ने इस मंथन में हरियाणा कांग्रेस का कोई लीडर शामिल नहीं था...लेकिन इस मंथन में अब पूर्व सीएम और पार्टी के सीनियर नेता भुपेन्द्र सिंह हुड्डा निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस हाईकमान ने भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से उन बीस सेंटर की सबूत के साथ रिपोर्ट मांगी है जिन सेंटर्स की ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप हुड्डा ने लगाया था। पार्टी में हार के साथ साथ असंतोष सामने आ रहा है। कांग्रेस के ओबीसी मोर्चे ने जहां चुनाव के दौरान अनदेखी का आरोप लगाया है वहीं कई उम्मीदवार सीधा नाम लेकर हुड्डा पर साज़िश का आरोप लगाया है।
फैक्ट फाइंडिंग कमिटी
इस बीच कांग्रेस ने हार के कारणों पर विचार करने के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का भी गठन करने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की इस चुनाव से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में यह निर्णय किया गया। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में खरगे और राहुल गांधी को चुनावी नतीजों की विस्तृत जानकारी दी गई और कई जगहों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से जुड़ी शिकायतों का भी उल्लेख किया गया। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी इस चुनाव परिणाम के कारणों के तह तक जाने और जवाबदेही तय करने को लेकर गंभीर हैं।
नतीजे अप्रत्याशित
कांग्रेस की इस बैठक के बाद माकन ने कहा, ‘‘इस बैठक में हरियाणा के चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई। आप लोग (मीडिया) भी इस बात को मानते होंगे कि नतीजे अप्रत्याशित थे। एग्जिट पोल और असल नतीजों में जमीन और आसमान का फर्क था। अलग-अलग कारण क्या हो सकते हैं, इस पर चर्चा की गई।’’ उनका कहना था कि आगे के कदमों की जानकारी बाद में दी जाएगी। इस बैठक में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा के नहीं शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा कि जिनको बुलाया गया था, वो सभी आए थे।
जांच पूरी होने तक ईवीएम को सील रखा जाए
इससे पहले कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव रिजल्ट से जुड़ी शिकायतों के बारे में बुधवार को चुनाव आयोग को अवगत कराया था और इनकी जांच की मांग की थी। मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह आग्रह भी किया था कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं। कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित’ और ‘लोक भावना के खिलाफ’ करार देते हुए कहा था कि इस जनादेश को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य में ‘तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार’ हुई है।
ईवीएम को लेकर शिकायतें-खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया था कि कई विधानसभा क्षेत्रों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं तथा जिन ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है। इसी साल जून में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई पहली बड़ी सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी। कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा।