Highlights
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग
- इस मीटिंग में राहुल गांधी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद
- खड़गे, अंबिका सोनी, अजय माकन, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, एके एंटनी, वेणुगोपाल भी मौजूद
नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग में कांग्रेस के कई सीनियर नेता मौजूद हैं। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की भी है कि इस मीटिंग में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद हैं।
10 जनपथ पर बुलाई गई कांग्रेस की इस बैठक में राहुल गांधी समेत सीनियर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, अजय माकन, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, एके एंटनी भी मौजूद हैं।
कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने ये बैठक आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बुलाई है। इसके अलावा इस बैठक में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
इस मीटिंग के साथ ही एक बड़ी खबर ये भी है कि सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'क्या भारत को हमेशा के लिए ध्रुवीकरण की स्थिति में होना चाहिए? सत्ता में बैठे लोग तो स्पष्ट रूप से ये चाहते हैं कि भारत के नागरिक यह विश्वास करें कि ऐसा वातावरण उनके सबसे ज्यादा हित में है।'
कांग्रेस ने ट्विटर पर सोनियां गांधी के बयानों को ट्वीट किया है। इसके मुताबिक सोनिया ने कहा, 'देश का एक उज्ज्वल भविष्य बनाने और युवा प्रतिभाओं का बेहतर इस्तेमाल करने में हमारे संसाधनों का उपयोग करने के बजाय, एक काल्पनिक अतीत के नाम पर वर्तमान को नया रूप देने के प्रयासों में समय और मूल्यवान संपत्ति दोनों का उपयोग किया जा रहा है।'
सोनिया ने कहा, 'भारत की विविधताओं को स्वीकार करने के बारे में प्रधानमंत्री जी की ओर से बातें तो बहुत हो रही है। लेकिन कड़वी हकीकत यह है कि जिस विविधता ने सदियों से हमारे समाज को परिभाषित किया है, उसका इस्तेमाल उनके राज में हमें बांटने के लिए किया जा रहा है।'
उन्होंने कहा, 'सामाजिक उदारवाद का बिगड़ता माहौल और कट्टरता, नफरत और विभाजन का प्रसार आर्थिक विकास की नींव को हिला देता है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कर्नाटक में जो किया जा रहा है, कुछ साहसी कॉर्पोरेट उसके खिलाफ बोल रहे हैं। इन साहसी आवाजों के खिलाफ सोशल मीडिया में एक अनुमानित प्रतिक्रिया हुई है। लेकिन चिंताएं बहुत व्यापक हैं- और बहुत वास्तविक।'
उन्होंने कहा, 'नफरत का बढ़ता शोर, आक्रामकता की छिपी हुई उत्तेजना और यहां तक कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध भी हमारे समाज में मिलनसार, समन्वित परंपराओं से कोसों दूर हैं। भारत को स्थायी उन्माद की स्थिति में रखने के लिए इस विभाजनकारी योजना का हिस्सा और भी घातक है। सत्तासीन लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमतियों और राय को बेरहमी से कुचलने की कोशिश की जाती है। राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जाता है।'
उन्होंने कहा, 'डर, धोखा और डराना इस तथाकथित 'मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट' की रणनीति के स्तंभ बन गए हैं। ऐसा क्या है जो प्रधानमंत्री को स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से उस हेट स्पीच के खिलाफ खड़े होने से रोकता है, चाहे वो कहीं से भी आए?'