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Delhi Liquor Policy: शराब नीति पर पूर्व LG के यू-टर्न से दिल्ली सरकार को हुआ हजारों करोड़ का नुकसान -सिसोदिया

Delhi Liquor Policy: आबकारी नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से अनुमति लेनी होगी।

Edited By: Pankaj Yadav
Updated on: August 06, 2022 16:59 IST
Manish Sisodiya- India TV Hindi
Image Source : ANI Manish Sisodiya

Highlights

  • दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल पर लगाया आरोप
  • आबकारी नीति पर अनिल बैजल ने अपना रुख बदल दिया जिससे सरकार को नुकसान हुआ
  • CBI इस बात की जांच करे कि बैजल ने अपना रुख क्यों बदला

Delhi Liquor Policy: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उनकी सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। सिसोदिया ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी CBI को भेज दी है। बैजल ने इस मामले में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

बैजल के रुख में बदलाव के कारण सरकार के राजस्व को घाटा लगा

सिसोदिया ने कहा, ‘‘नयी आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं। तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से अनुमति लेनी होगी। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, ‘‘तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। दूसरी ओर, जो दुकानें खोली गई थीं, उन्होंने काफी कमाई की।’’ 

बैजल के इस फैसले की CBI जांच होनी चाहिए -सिसोदिया

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने जब नई आबकारी नीति तैयार की थी, उस समय बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल थे। इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था। सरकार ने अब यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से अपने उपक्रमों के माध्यम से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि बैजल ने अपना रुख क्यों बदला, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ और सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि पूर्व राज्यपाल ने क्या किसी दबाव में यह फैसला किया और क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का इससे कोई संबंध है। मौजूदा उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसके तहत शहर के 32 जोन में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी कंपनियों को लाइसेंस जारी किए गए थे।

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