नयी दिल्ली: अडानी मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध को खत्म करने को लेकर किए जा रहे प्रयासों को फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। विपक्षी दल अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग पर अड़े हुए हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा तक विपक्ष को मंजूर नहीं है।
कल संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों के सदन के नेताओं के साथ बैठक की। जोशी और मेघवाल ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, द्रमुक नेता टी आर बालू तथा कुछ अन्य नेताओं के साथ बैठक की। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान नेताओं की यही राय थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होनी चाहिए। हालांकि गतिरोध खत्म होने पर कुछ भी स्पष्टता नहीं है।
उधर, कांग्रेस के हंगामे वाली सियासत के खिलाफ बीजेपी भी पलटवार के मूड में है। आज सुबह बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग रखी गई है, जिसमें संसद में चल रहे गतिरोधों के बीच पार्टी अपनी रणनीति पर चर्चा करेगी । वहीं नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में विपक्ष की मीटिंग भी होने वाली है।
अडाणी के पीछे कौन सी शक्ति है: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर अडाणी समूह से जुड़े मामले पर संसद में चर्चा को लेकर ‘भयभीत होने’ का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके तथा पूरे देश को यह पता चल सके कि उद्योगपति गौतम अडाणी के पीछे कौन सी शक्ति है। इस मामले में लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरा प्रयास करेंगे कि इस मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो।
राहुल गांधी ने ‘मैं पिछले दो तीन साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। मैं चाहता हूं कि चर्चा हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, और हिंदुस्तान के बुनियादी ढांचे पर कब्जा किया गया है। अडाणी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वो भी देश को पता लगना चाहिए।’अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है। अडाणी प्रकरण पर विपक्षी दल लगातार केंद्र को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह के शेयरों में हालिया गिरावट एक ‘घोटाला’ है जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उनमें निवेश किया है।
इनपुट-भाषा
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