केरल में कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बीच विवाद बढ़ने के आसार हैं। दरअसल राज्य की वायनाड सीट से भाकपा ने डी राजा की पत्नी एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है। इसी सीट से राहुल गांधी सांसद हैं और इस बार भी वह यहां से चुनाव लड़ेंगे। अब इसे लेकर डी राजा ने बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को उस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उनकी बीजेपी से सीधी टक्कर हो।
वायनाड से ही चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी
भाकपा महासचिव डी राजा ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी के कद के नेता को आगामी लोकसभा चुनाव में ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए जहां वह सीधे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे सकें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह तय करना कांग्रेस का विशेषाधिकार है कि वह किस सीट से किसे खड़ा करेगी। कांग्रेस ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि राहुल गांधी अप्रैल-मई में प्रस्तावित संसदीय चुनाव केरल में वायनाड से लड़ेंगे, जिसके बाद डी राजा ने यह टिप्पणी की है।
भाकपा ने एनी राजा को बनाया है वायनाड से उम्मीदवार
गौरतलब है कि राहुल अभी लोकसभा में वायनाड सीट का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। डी राजा की पत्नी और भाकपा नेता एनी राजा को वायनाड से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है। राहुल को वायनाड से उम्मीदवार बनाने के कांग्रेस के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर राजा ने कहा, ‘‘एलडीएफ के तहत भाकपा को चुनाव में चार सीटें मिली हैं और वायनाड उनमें से एक है इसलिए हमने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दूसरी बात है कि यह किसी भी राजनीतिक दल का विशेषाधिकार है कि वह किस निर्वाचन क्षेत्र से किसे उम्मीदवार बनाए। इस मामले में यह कांग्रेस का विशेषाधिकार है।’’
राहुल किसी राज्य के नेता नहीं बल्कि राष्ट्रीय नेता- डी राजा
उन्होंने कहा कि राहुल किसी राज्य के नेता नहीं बल्कि राष्ट्रीय नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी का कद इतना बड़ा है कि उन्हें किसी ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां सीधे भाजपा से मुकाबल हो।’’ भाकपा नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने भारत जोड़ा यात्रा आयोजित की। यह अच्छी थी और हम सभी ने इसका स्वागत किया। वह कहते रहे हैं कि भाजपा-आरएसएस की विचारधारा लोगों के बीच वैमनस्यता, फूट और समाज में विभाजन के लिए जिम्मेदार है। अब वह न्याय यात्रा निकाल रहे हैं कौन लोगों से न्याय नहीं कर रहा है? यह भाजपा-आरएसएस गठबंधन की विचारधारा है।’’