हैदराबाद: कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक शनिवार को हैदराबाद में हुई जिसमें अगले साल के लोकसभा और इस साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति, संगठन तथा कई अन्य विषयों पर मंथन किया गया। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का जिक्र किया और यह आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है। उन्होंने बीजेपी पर आग में घी डालने का काम करने का आरोप लगाया। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए कार्य समिति की बैठक से पहले खरगे ने पार्टी का ध्वज फहराया।
‘विपक्ष विहीन’ संसद चाहती है बीजेपी-खरगे
खरगे ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में संसद के विशेष सत्र को लेकर दावा किया कि सत्तारूढ पार्टी ‘विपक्ष विहीन’ संसद चाहती है और ऐसे में उसकी मंशा को लेकर सतर्क रहना होगा। खरगे ने कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पिछली तीन बैठकों की सफलता इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार हमले कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को 2021 की जनगणना और इसके साथ ही जाति जगणना करानी चाहिए ताकि कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य योजनाओं को लेकर पूरा अधिकार मिल सके।
बैठक में तीन प्रस्ताव पारित
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बताया कि हैदराबाद-कांग्रेस वर्किंग कमेटी में 3 प्रस्ताव पारित हुए हैं। पहला, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के देहांत पर शोक प्रस्ताव है, दूसरा मणिपुर पर शोक प्रस्ताव और तीसरा शोक प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश की आपदा पर है। इस प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए ताकि सरकार से जो सहायता मिलनी है वह पर्याप्त मात्रा में मिले।
देश के संवैधानिक और संघीय ढांचे को खतरा-चिदंबरम
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि बैठक में राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा के हालात पर चर्चा हुई। देश के संवैधानिक और संघीय ढांचे को खतरा है। संस्थानों पर हमला हो रहा है। राज्यों को उनको हिस्सा नहीं दिया जा रहा। मसलन कर्नाटक में चावल का वायदा किया लेकिन FCI ने कर्नाटक को चावल नही दिया, यह पहले कभी नहीं हुआ। हिमाचल में त्रासदी हुई, लेकिन पीएम ने एक शब्द नहीं बोला, सीएम ने हमें बताया कि राज्य को रिलीफ फंड नहीं दिया गया। पांच मई से मणिपुर जल रहा है, आज 157 दिन हो गए, पीएम कई देशों में चले गए, AASEAN गए लेकिन मणिपुर नहीं गए। सिवाय पार्लियामेंट शुरू होने के पहले जो उन्होंने कहा, उसके अलावा मणिपुर पर उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। जम्मू कश्मीर में हम देख रहे है वो NORMALCY से बहुत दूर है। जब जम्मू कश्मीर में मातम पसरा था तब बीजेपी हेडक्वार्टरमें जी20 का जश्न मनाया जा रहा था ।
वन नेशन-वन इलेक्शन का विचार संविधान और संघवाद पर प्रहार
कांग्रेस ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि यह विचार संविधान और संघवाद पर हमला है। चिदंबरम ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इसे अस्वीकार करते हैं। इसमें कम से कम पांच संविधान संशोधनों की आवश्यकता होगी और भाजपा जानती है कि उसके पास संख्या बल नहीं है। अगर वह इस मुद्दे को उठाती है, तो यह ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए करती है।’’ उनहोंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार संविधान पर हमला है। सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह सदस्य हैं।
रविवार को विस्तारित कार्य समिति की बैठक
कांग्रेस कार्य समिति की आज की बैठक के बाद रविवार को विस्तारित कार्य समिति की बैठक होगी। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कार्य समिति के सभी सदस्यों के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कई अन्य वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। इसके बाद 17 सितंबर की शाम हैदराबाद के पास एक जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसे खरगे, सोनिया, राहुल और कई अन्य नेता संबोधित कर सकते हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस सांसद 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो जाएंगे, लेकिन पार्टी के अन्य नेता तेलंगाना के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता से संपर्क करेंगे और बीआरएस सरकार के खिलाफ ‘आरोप पत्र’ सामने लाया जाएगा। कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। इस कार्य समिति में सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है। (इनपुट-एजेंसी)