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कांग्रेस के कार्यक्रम में अचानक राहुल गांधी का माइक हुआ बंद, बोले-'चाहे कितने भी माइक बंद कर लो, मैं बोलता रहूंगा'

अपने ही पार्टी के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक अचानक बंद हो गया। माइक काफी देर तक बंद रहा। जब माइक ऑन हुआ तो राहुल ने कहा कि चाहे कितने भी माइक बंद कर लो, मैं बोलता रहूंगा।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Nov 26, 2024 16:06 IST, Updated : Nov 26, 2024 16:10 IST
राहुल गांधी
Image Source : SCREENGRAB (X) राहुल गांधी

देश आज संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसे लेकर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को राहुल गांधी संबोधित कर रहे थे कि अचानक उनका माइक बंद हो गया। जिस पर कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। राहुल का माइक काफी देर तक बंद रहा, जब ठीक हुआ तो उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी माइक बंद कर लो मैं बोलता रहूंगा।

मैं बोलता रहूंगा- राहुल गांधी

राहुल ने आगे कहा कि जो दलितों और पिछड़ों की बात करता है उसका माइक ऐसे ही बंद कर दिया जाता है। चाहे कितने भी माइक बंद कर लो, लेकिन मैं बोलता रहूंगा। कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग फिर से दोहराई। उन्होंने कहा कि देश के टॉप उद्योगपतियों में कोई भी दलित, पिछड़ा या आदिवासी वर्ग से नहीं है। 

जातिगत जनगणना करेंगे

राहुल ने कहा कि हाल ही में हमने तेलंगाना में जातीय जनगणना से जुड़ा काम शुरू किया है। इसमें जो सवाल पूछे जा रहे हैं, वे प्रदेश के दलित, पिछड़े और गरीबों ने मिलकर तय किए हैं। यानी कि इसे तेलंगाना की जनता ने जातीय जनगणना का फॉर्मेट डिजाइन किया है। ये ऐतिहासिक  कदम है। हमारी जहां भी सरकार होगी, हम इसी पैटर्न पर जातिगत जनगणना करेंगे।

'प्रधानमंत्री ने संविधान नहीं पढ़ी'

उन्होंने आगे कहा कि संविधान अहिंसा का रास्ता दिखाता है। संविधान सत्य और अहिंसा की किताब है। संविधान हिंसा की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि जहां भी हमारी सरकारी आएगी हम वहां जातीगत जनगणना कराएंगे। अगर पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी ज्यादा है तो उनकी भागीदारी कम क्यों है? आगे कहा कि मैं गारंटी के साथ कहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की किताब नहीं पढ़ी है। संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, ये हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच है। इसमें गांधी जी, अंबेडकर जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महान लोगों की आवाज है, लेकिन सावरकर जी की आवाज नहीं है।

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