कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पार्टी ने आने वाले दिनों में सभी समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में मिली 2 साल की सजा पर विपक्षी दलों की बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई थी। बैठक में खड़गे ने कहा कि बीजेपी ओबीसी कार्ड से मुद्दो को भटकाने की कोशिश कर रही है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों के लिए काम किया है।
राष्ट्रपति से मिलेगी कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय भी मांगा है। खड़गे के आवास पर आयोजित कांग्रेस सांसदों और संचालन समिति के सदस्यों की बैठक में निर्णय लिए गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, "यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि राजनीतिक भी है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल विपक्षी नेताओं को डराना चाहता है।" गुरुवार की सुबह, राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम के बारे में उनकी टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाया गया और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, कांग्रेस नेता को जमानत दे दी गई थी और सूरत की अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने के लिए उनकी सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था।
क्या है मामला?
राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में प्रचार के दौरान 'सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है' कहने के लिए मामला दायर किया था। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "यह सरकार स्पष्ट रूप से संसद के अंदर विपक्षी आवाजों को कुचलने के लिए एक रणनीति पर भरोसा कर रही है और दूसरी रणनीति इसके बाहर है। इसलिए यदि आप संसद के बाहर कुछ कहते हैं, तो वे सदन को चलने नहीं देंगे।"
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे
इस मामले पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के ने कहा है कि मोदी सरकार JPC से भाग नहीं सकती. PNB व जनता के पैसे लेकर नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चौकसी भागे! OBC वर्ग तो नहीं भागा, फिर उनका अपमान कैसे हुआ। SBI/LIC को नुकसान आपके “परम मित्र” ने पहुंचाया। एक तो “चोरी” में सहयोग, फिर जातिगत राजनीति का प्रयोग।
(इनपुट-आईएएनएस)