नयी दिल्ली: कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर तनाव की पृष्ठभूमि में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने अपनी झूठी शान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाल दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से 5 सवाल पूछे और आरोप लगाया कि उनके खुद की छवि चमकाने के जुनून और व्यक्ति केंद्रित कूटनीति की कीमत देश को चुकानी पड़ी है। जयराम रमेश ने पीएम पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाल ही में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हाथ मिलाने को लेकर भी निशाना साधा।
‘आपकी गलती की कीमत देश को चुकानी पड़ी’
कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा, ‘कुछ समय पहले आपने (मोदी ने) ‘इंच टूवार्ड्स माइल्स’ का नया नारा दिया जिसमें इंच का मतलब भारत-चीन था और माइल्स का मतलब ‘मिलेनियम ऑफ एक्सेप्शनल एनर्जी’ था। आपके इस नारे के बाद चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारे भूभाग के हजारों मील हथियाने लिए अपनी ‘एक्सेप्शनल एनर्जी’ लगा दी। क्या आप मानेंगे कि आपकी गलत परख की देश को भारी कीमन चुकानी पड़ी? अपने देश के भीतर अपनी छवि चमकाने के मकसद से अपनी व्यक्ति केंद्रित कूटनीति और दुनिया के प्रमुख नेताओं के साथ मजबूत रिश्तों की तस्वीर पेश करने में पूरी ताकत झोंक दी।’
‘आपने अपने दोस्त शी से बाली में हाथ मिलाया’
जयराम रमेश ने कहा, ‘आप अपने ‘मित्र’ शी जिनपिंग के साथ अहमदाबाद में झूले पर बैठे, बाली में हाथ मिलाया। क्या आपकी व्यक्ति केंद्रित कूटनीति पूरी तरह से खोखली साबित नहीं हुई? क्या छवि चमकाने के प्रति आपका जो जुनून है वह राष्ट्रीय हित की कीमत पर नहीं होता है? क्या यह सच है कि 2015 में आपने सेना के तीनों अंगों के शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि चीन भारत के लिए सैन्य खतरा नहीं है? क्या इससे यह बात साबित नहीं होती कि सभी उपलब्ध साक्ष्य के बावजूद आप भ्रम और अतिआत्मविश्वास से घिरे हुए हैं?’
‘बीजेपी की सरकार के समय ही ऐसा क्यों होता है?’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘वर्ष 2020 की शुरुआत में चीन ने जो अतिक्रमण किया वो सकते में डालने वाला रणनीतिक कदम था जिसके लिए हम तैयार नहीं थे। इसका आखिरी बार सामना कारगिल के समय हुआ था जब बीजेपी की सरकार थी। ऐसा क्यों होता है कि जब भी ऐसी हैरान करने वाली गतिविधियां होती हैं तो उसकी शिकार बीजेपी होती है जो राष्ट्रवाद का दम भरती है? हम चीन के इस कदम का लेखाजोखा कब रखेंगे जैसा कि कारगिल युद्ध के बाद था? क्या यह बेहतर नहीं होता कि आप अंतरराष्ट्रीय मत को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते? आपने अपनी झूठी शान की खातिर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाल दिया?’
भारत ने LAC पर चीन को दिया है मुंहतोड़ जवाब
पिछले दिनों विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा था, ‘यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा? हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं।’ बता दें कि सीमा पर हुए हालिया सैन्य टकरावों में भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है और कई इलाकों में ड्रैगन की घुसपैठ की कोशिश बेकार गई है।