कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीजेपी पर हमला करते हुए सवाल उठाया है कि जब बिहार में नीतीश कुमार को सीएम पद की शपथ के बाद फ्लोर टेस्ट के लिए 12 दिन का वक्त दिया गया है, जबकि झारखंड में चंपई सोरेन को बहुमत साबित करने के के लिए महज 3 दिन का ही वक्त दिया है। जयराम रमेश ने अपने X पोस्ट में लिखा, "28 जनवरी को नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से इस्तीफ़ा दिया। 28 जनवरी को ही, नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली और उन्हें विधानसभा में अपने गठबंधन का बहुमत साबित करने के लिए 12 फ़रवरी तक का समय दिया गया।"
"बीजेपी की तमाम कोशिशें बुरी तरह नाकाम होंगी"
कांग्रेस नेता रमेश ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "31 जनवरी को हेमंत सोरेन ने झारखंड के सीएम पद से इस्तीफ़ा दिया। 2 फ़रवरी को, चंपई सोरेन ने झारखंड के सीएम के रूप में शपथ ली और उन्हें झारखंड विधानसभा में अपने गठबंधन का बहुमत साबित करने के लिए 5 फ़रवरी तक का समय दिया गया। G-2, यानी कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लगता है कि वे बिहार की तुलना में झारखंड में ‘Horse-Trading’ तेज़ी से कर सकते हैं। लेकिन उन्हें बड़ा झटका लगने वाला है। INDIA ग्रुप आज झारखंड में विश्वास मत आसानी से जीत लेगा और बिहार में राजद और कांग्रेस तोड़ने की बीजेपी की तमाम कोशिशें बुरी तरह नाकाम होंगी।"
आज चम्पई सोरेन का फ्लोर टेस्ट
गौरतलब है कि आज सोमवार को सीएम चम्पई सोरेन झारखंड विधानसभा में विश्वास मत साबित करेंगे। इसके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक रविवार शाम को ही हैदराबाद से रांची पहुंचे। इन विधायकों ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लेने का विश्वास जताया है। झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को दो-दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार यानी आज विश्वास मत हासिल करना है। चंपई सोरेन को दो फरवरी को राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलायी थी। उससे पहले बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धनशोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया था।
12 फरवरी को नीतीश हासिल करेंगे विश्वास मत
वहीं बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत हासिल करेगी। इस मामले पर गुरुवार को जारी एक संशोधित अधिसूचना से यह जानकारी मिली। इससे पहले, सरकार 10 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने वाली थी। हालांकि, एक नई अधिसूचना के अनुसार, सत्र अब 12 फरवरी से शुरू होगा जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों के संयुक्त सत्र में राज्यपाल का संबोधन भी होगा। जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। कुमार ने महागठबंधन और विपक्षी गुट ‘इंडिया’ से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ एक नयी सरकार बनाई।
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