नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उनका परिवार जमीन के विवाद में फंस गया है। इस बीच बीजेपी ने भी उन पर निशाना साधा है और घोटाले का आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने साधा निशाना
बीजेपी ने मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को भूखंड के आवंटन में घोटाले का आरोप लगाया और मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की। बीजेपी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मल्लिकार्जुन खरगे से कांग्रेस अध्यक्ष पद से और उनके बेटे प्रियंक खरगे से इस्तीफा देने की मांग की, जो कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की भी मांग की।
भाटिया ने कहा, 'कांग्रेस के भ्रष्टाचार में निरंतरता है। हम जहां भी जाएंगे, भ्रष्टाचार करेंगे, यह कांग्रेस का नया नारा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है।' उन्होंने कहा, 'हमने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की नाक के नीचे एमयूडीएस (मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण) घोटाला और वाल्मीकि विकास निगम घोटाला होते देखा है। अब कर्नाटक में मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का मामला सामने आया है।'
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नियमों की अवहेलना करके खरगे परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को भूखंड आवंटित किया गया। उन्होंने दावा किया कि मल्लिकार्जुन खरगे, उनकी पत्नी, उनके दामाद राधाकृष्ण और बेटे प्रियंक खरगे और राहुल खरगे इस ट्रस्ट में शामिल हैं। भाटिया ने दावा किया, 'हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कई कंपनियों और संगठनों ने भूखंड के लिए आवेदन दिया था, लेकिन नियमों की अनदेखी करके इसे खरगे परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट को आवंटित कर दिया गया।'
कर्नाटक के मंत्री एम बी पाटिल ने कही ये बात
वहीं कर्नाटक के मंत्री एम बी पाटिल ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे द्वारा संचालित शैक्षणिक ट्रस्ट को मानदंडों के अनुसार निर्धारित मूल्य पर एयरोस्पेस पार्क में सिविक एमेनिटी (सीए) भूखंड आवंटित किया गया था। एक बयान में पाटिल ने सिरोया द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया।
क्या है पूरा मामला?
असल में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बेंगलुरू में 5 एकड़ जमीन अलॉट की है। सरकारी जमीन के अलॉटमेंट की शिकायत एक RTI एक्टिविस्ट ने दस्तावेज़ों के साथ कर्नाटक के गर्वनर थावर चंद गहलोत से की है। इसके बाद बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। पता ये लगा है कि पिछले साल नवंबर में कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड ने इंडस्ट्रियल पार्क की जमीन के लिए टेंडर निकाला था।
इस टेंडर में बेंगलुरू के हाईटेक डिफेंस एंड एरो पार्क की जमीन भी शामिल थी। जिसमें सिविक एमिनिटीज डेवलप की जानी थी। इसी साल मार्च में कर्नाटक के हैवी इंडस्ट्री मिनिस्टर एमबी पाटिल ने SC-ST के 43 एप्लीकेंट्स को लैंड अलॉट कर दी, जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे के ट्रस्ट को भी 5 एकड़ जमीन 25 करोड़ रुपये में दे दी गई। जिस सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को जमीन दी गई है, उस ट्रस्ट में राहुल खरगे के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, उनकी वाइफ राधा बाई खरगे, बेटा प्रियांक खरगे और मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्णा भी सदस्य हैं। चूंकि सरकारी जमीन की नीलामी होती है, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने नीलामी के बजाए सीधे दलित कोटे से जमीन अलॉट कर दी। इसीलिए राज्यपाल से कर्नाटक के हैवी इंडस्ट्री मिनिस्टर एमबी पाटिल के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की इजाजत मांगी गई है।
प्रियांक खरगे ने सफाई दी
जब हर तरफ से आरोप लगे तो मल्लिर्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने सफाई दी। प्रियांक खरगे ने कहा कि बीजेपी को न तो रूल्स का पता है और न ही उसके पास करप्शन का कोई सबूत है। खरगे ने कहा कि सिर्फ आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। अगर जमीन के अलॉटमेंट में कुछ गलत है तो बीजेपी साबित करे। (इनपुट: भाषा से भी)