Highlights
- मेरे नॉमिनेशन पेपर पर सिग्नेचर करने वाले 5-10 लोगों पर दबाव डाला गया: थरूर
- मुझे सोशल मीडिया पर समर्थन करने वालों को दबाया जा रहा है: थरूर
- कांग्रेस में कुछ नेता जो अच्छी पोजिशन में हैं वो बदलाव नहीं चाहते: थरूर
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर मैदान में हैं। दोनों अपने पक्ष में मतदान करने के लिए जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसी सिलसिले में शशि थरूर मुंबई में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान इंडिया टीवी से बातचित में शशि थरूर ने खड़गे कैम्प पर कई गंभीर आरोप लगाया। थरूर ने कहा कि- ''मेरे नॉमिनेशन पेपर पर सिग्नेचर करने वाले 5-10 लोगों पर दबाव डाला गया। मुझे सोशल मीडिया पर समर्थन करने वालों को दबाया जा रहा है। कांग्रेस में कुछ नेता जो अच्छी पोजिशन में हैं वो बदलाव नहीं चाहते हैं। मुझे चुनाव प्रचार में काफी कठिनाई हो रही है और दूसरा उम्मीदवार आसानी से प्रायवेट जेट में घूमकर लोगों से मिल रहे हैं। अध्यक्ष कोई भी बने उसे गांधी परिवार को साथ रखना होगा।''
गांधी परिवार सभी को आर्शिवाद देता है: थरूर
थरूर ने कहा कि- ''मुझे चुनौती पसंद है। हमें जो लिस्ट मिली उसमें कमियां हैं। गांधी परिवार सभी को आर्शिवाद देता है। वो चाहते हैं पार्टी ताकतवर बने। डेलिगेट्स मुझसे मिलकर उत्साहित हैं, मैं बदलाव के लिए खड़ा हूं। कोई भी अध्यक्ष बने अगर वो गांधी परिवार को दूर रखता है तो सही नहीं होगा। राहूल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा को बहुत समर्थन मिल रहा है।''
मैंने लोन लेकर पढ़ाई की: थरूर
एलिट उम्मीदवार और आम आदमी का उम्मीदवार मामले को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- ''लोन लेकर मैंने पढ़ाई की। विदेश जाने के लिए प्लेन का टिकट लेने को पैसे भी नहीं थे। अपनी कड़ी मेहनत से मैने जीवन में सबकुछ हासिल किया।'' आगे उन्होंने कहा- ''कई साल बाद फ्री एंड फेयर चुनाव हो रहे हैं। खड़गे बड़े नेता हैं, वो मेरे दोस्त भी हैं। उनके अंडर में मैंने काम किया है, उनकी जाति मैं क्यों देखूं?''
थरूर के प्रचार में समर्थकों की संख्या कम
बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के उम्मीदवार शशि थरूर मुंबई में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। MPCC के 560 और MRCC ( मुंबई रिजन कांग्रेस कमीटि) के 230 डेलिगेट्स है जो महाराष्ट्र में मतदान करेंगे, लेकिन प्रचार के दौरान महज 20 डेलिगेट्स भी सार्वजनिक रूप से थरूर से नहीं मिले। तमिलनाडू में भी करीब 700 पीसीसी डेलिगेट्स हैं लेकिन वहां भी 20 से कम डेलिगेट्स प्रचार के दौरान थरूर से मिले थे।