Highlights
- कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी के करीब 9000 डेलीगेट्स अपना वोट देंगे
- इस बार गांधी परिवार से कोई भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदार नहीं है
- कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल होने से पहले ही पार्टी में दो फाड़
Congress President Election: कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए 30 सितंबर आखिरी दिन है। अभी तक राजस्थान के मौजूदा सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अगले कांग्रेस अध्यक्ष बनने के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि वह सीएम भी बने रहना चाहते थे। दूसरी उनकी इच्छा यह थी कि यदि कोई दूसरा सीएम भी बनाया जाए तो वह सचिन पायलट को छोड़कर गहलोत खेमे का ही कोई व्यक्ति हो। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल होने से पहले ही पार्टी में दो फाड़ हो गई। गहलोत के समर्थन में 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। अब ऐसे वक्त में शशि थरूर (Shashi Tharoor) ही कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सबसे मजबूत और इकलौते उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में क्या यह माना जाए कि वह अगले कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे या फिर और कोई नाम सामने आ सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी के करीब 9000 डेलीगेट्स अपना वोट देंगे। इस बार गांधी परिवार से कोई भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदार नहीं है। राहुल गांधी ने साफ चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। अशोक गहलोत राहुल और सोनिया गांधी के सबसे करीबी नेता थे। इसलिए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की स्क्रिप्ट लगभग तैयार की जा चुकी थी। मगर इसी दौरान पूर्व विदेश राज्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता शशि थरूर भी अपनी ताल ठोंक रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का भी नाम अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो गया था। मगर अब शशि थरूर ही मैदान में अकेले दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस के इन नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन करने से किया इंकार
राजस्थान में मचे घमासान के बाद बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत अब अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। कांग्रेस भी उन्हें लेकर अब गंभीर नहीं है। ऐसे में दूसरे नामों की तलाश शुरू हो चुकी है। ऐसे में पवन बंसल, कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे और मुकुल वासनिक का नाम प्रमुख तौर पर चर्चा में है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक उठापटक और वाद-विवाद को बढ़ता देख इसमें से कोई नेता अध्यक्ष बनने के लिए राजी नहीं है। अब बताया जा रहा है कि मनीष तिवारी भी इसके लिए अब ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में शशि थरूर ही एक मात्र उम्मीदवार बचे रह गए हैं।
निर्विरोध चुने जा सकते हैं शशि थरूर
अगर 30 सितंबर तक कोई अन्य नेता कांग्रसे के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने नहीं पहुंचा तो ऐसे में शशि थरूर एक मात्र नेता बचेंगे। ऐसे में उन्हें निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जा सकता है। हालांकि कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार शशि थरूर के बजाए किसी अन्य अपने चहेते को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। इसकी प्रमुख वजह है कि थरूर जमीनी नेता नहीं हैं। वह एलीट क्लास से आते हैं। जबकि कांग्रेस इसके लिए जमीनी नेता खोज रही है। इसके अतिरिक्त कई राष्ट्रीय मामलों में थरूर का झुकाव मोदी और शाह की तरफ देखा गया है। अगर थरूर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो गांधी परिवार का उन पर उतना अधिक नियंत्रण भी नहीं रहेगा, जितना किसी अन्य कांग्रेस नेता पर हो सकता है। इसलिए गांधी परिवार की पसंद थरूर नहीं हैं।
शशि थरूर का पॉलिटकल करियर
- शशि थरूर ने पहली बार 2009 में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की।
- केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा का चुनाव लड़ा
- थरूर वर्ष 2009, 2014 और 2019 में इस सीट से लगातार जीत रहे हैं।
- वह करीब 27 वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके हैं।
- वह मनमोहन सरकार में भारत के विदेश राज्यमंत्री और मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रह चुके हैं।
- थरूर भारत की ओर से पूर्व राजदूत भी रहे हैं।
- 9 मार्च 1956 को वह लंदन में जन्मे थे।
- वह तिरुवनंतपुरम और दिल्ली में रहते हैं।
- दिल्ली के सेंट स्टीफंस कालेज से ग्रेजुएशन किया है।
- वह एमए और अमेरिका से एमएएलडी और पीएचडी हैं।
- वर्ष 2013 तक वह ट्विटर पर सर्वाधिक फॉलोवर्स वाले राजनेता थे।
- वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।
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