Highlights
- कल दिल्ली आएंगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
- दिल्ली जाने से पहले विधायकों की बुलाई बैठक
- भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस में अध्यक्ष का शोर!
Congress President Election: कांग्रेस में इस समय दो ही बातें हो रही हैं पहली भारत जोड़ो यात्रा की और दूसरी कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा। राहुल गांधी केरल में भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और इधर दिल्ली में अध्यक्ष पद को लेकर मारामारी शुरू हो गई है। पहली बार होगा गांधी परिवार से बाहर किसी के नाम की चर्चा है। बुधवार सुबह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) दिल्ली आ रहे हैं। वह यहां सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं लेकिन उससे पहले आज रात 10 बजे जयपुर में गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी।
इस दौरान सीएम गहलोत ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, ''फॉर्म भरूंगा तो बता दूंगा सभी विधायकों को आना पड़ सकता है। आगे उन्होंने कहा, जहां भी रहूंगा राजस्थान की सेवा करूंगा। मैदान में टूट पड़ो एंटी इनकम्बेंसी नहीं है।'' कहा जा रहा है कि गहलोत को लेकर सोनिया गांधी कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं।
जयराम रमेश ने दिया बड़ा बयान
इन सबके बीच आज पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बड़ा बयान देकर कांग्रेस के अंदर ही कंफ्यूजन पैदा कर दिया। जयराम रमेश ने कहा- कई राज्यों में प्रस्ताव पारित करने का मतलब ये नहीं है राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाना मजबूरी है। राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये उनको तय करना है। चुनाव नामांकन प्रक्रिया के बाद ही पता चलेगा। सीएम गहलोत बुधवार को दिल्ली में होंगे और उनके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने की संभावना है। इसके बाद वह राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं।
गहलोत को कांग्रेस चुनाव के लिए अध्यक्ष पद का उम्मीदवार माना जा रहा है। हालांकि, सोनिया गांधी ने मंगलवार को केसी वेणुगोपाल को फोन किया और राजस्थान के मुद्दों पर विस्तार से बात की, जबकि गहलोत राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर जोर दे रहे हैं।
... तो इसलिए दिल्ली जाने के लिए अनिच्छुक हैं गहलोत
सूत्रों ने कहा कि गहलोत दिल्ली जाने के लिए अनिच्छुक हैं और नहीं चाहते कि उनके पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का पद दिया जाए। कांग्रेस महासचिव, संगठन केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि चुनाव लड़ने के बारे में फैसला राहुल गांधी को करना है और एक हफ्ते के भीतर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा, "मेरे पास पार्टी का कुछ काम बाकी था इसलिए मैं उनसे मिलने आया था।" उन्होंने कहा कि राज्य में प्रस्ताव पारित करना पार्टी कार्यकर्ताओं का विशेषाधिकार है क्योंकि हर कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल पार्टी के अध्यक्ष बने।
7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा के बाद से वेणुगोपाल मौजूद थे। कांग्रेस ने मंगलवार को दोहराया कि कोई भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है और नेतृत्व से किसी सहमति की आवश्यकता नहीं है।