Highlights
- राजस्थान में गहलोत की जादूगरी ने कांग्रेस हाईकमान के तिलिस्म को तोड़ा
- गहलोत समर्थक विधायक किसी और को हाईकमान मान ही नहीं रहे हैं
- कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं अशोक गहलोत!
Congress President Election: कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। आज दावा किया गया कि राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) दिल्ली आएंगे। यहां वह सोनिया गांधी से बात करेंगे और सबकुछ सुलझ जाएगा। अशोक गहलोत को दोपहर 3 बजे दिल्ली के लिए रवाना होना था लेकिन दो-दो घंटे करके प्रोग्राम टलता रहा और अब जाकर वो जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए।
पूरे दिन एक्टिव रहे गहलोत ग्रुप के विधायक
ये साफ नहीं है कि गहलोत ने खुद देर की या फिर सोनिया गांधी ने उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया है। दिल्ली में तो इस मुद्दे पर खामोशी है लेकिन जयपुर में आज दिनभर अशोक गहलोत और उनके ग्रुप के विधायक पूरी तरह एक्टिव रहे। गहलोत ने अपने कुछ करीबी मंत्रियों और विधायकों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खचरियावास, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी समेत कुछ और नेता शामिल थे। इनमें शान्ति धारीवाल और महेश जोशी वो नेता हैं जिनको पार्टी हाईकमान की तरफ से अनुशासनहीनता के मामले में नोटिस दिया है।
'जिन लोगों ने बीजेपी की चाल को नाकाम किया उन्हें नोटिस भेजा जा रहा'
वैसे तो नोटिस मिलने के बाद शान्तिधारीवाल और महेश जोशी के स्टैंड में कोई फर्क नहीं है। बदलाव सिर्फ इतना है कि वो बयान नहीं दे रहे। गहलोत कैंप से सिर्फ प्रताप सिंह खाचरियावास मीडिया से बात कर रहे हैं। गहलोत के साथ मीटिंग के खाचरियावास ने कहा कि दिल्ली जाकर अशोक गहलोत पार्टी हाईकमान को उन 102 विधायकों की राय बताएंगे जिन्होंने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचाई थी। जहां तक तीन नेताओं को आलाकमान की तरफ से भेजे गए नोटिस का सवाल है तो ये घर की बात है और घर में सुलझा ली जाएगी।
कांग्रेस हाईकमान की तरफ से धर्मेंद्र राठौड़ को भी नोटिस मिला है लेकिन वो खुलकर बोल रहे हैं। धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिन नेताओं ने बीजेपी के साथ मिलकर गहलोत सरकार गिराने की कोशिश की उन गद्दारों से तो कभी सफाई नहीं मांगी गई लेकिन जिन लोगों ने बीजेपी की चाल को नाकाम किया उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।
गहलोत से नाराज हैं सोनिया!
ये बात तो साफ है कि राजस्थान में गहलोत की जादूगरी ने कांग्रेस हाईकमान के तिलिस्म को तोड़ दिया है। गहलोत समर्थक विधायकों को अपने नेता पर इतना भरोसा है कि वो किसी और को हाईकमान मान ही नहीं रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं के मन में सवाल ये है कि गहलोत अध्यक्ष पद के लिए नॉमीनेशन करेंगे या नहीं....क्योंकि चर्चा ये भी है कि सोनिया गांधी गहलोत से नाराज हैं इसलिए दिग्विजय सिंह को दिल्ली बुलाया गया है। अगर दिग्विजय ने पर्चा भरा तो हो सकता है गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो जाएं।