नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की नेशनल अलायंस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में यूपी में 2009 के लोकसभा चुनाव के आधार पर अलायंस पार्टनर से शीट शेयरिंग की अनुशंसा की गई है। कांग्रेस का मानना है कि अगर पिछले लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब था तो समाजवादी पार्टी का भी प्रदर्शन बहुत ज्यादा अच्छा नहीं था। लिहाजा कांग्रेस को 2009 में जीती गई सभी सीट लड़ने की दावेदारी करनी चाहिए।
यूपी में 40 सीट मांग रही है राज्य ईकाई
कांग्रेस की यूपी की राज्य इकाई लगातार केंद्रीय नेतृत्व से 50% सीट यानी 40 सीट पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है। कांग्रेस का यूपी नेतृत्व यह मानता है कि लोकसभा चुनाव में जितनी जरूरत कांग्रेस को अखिलेश की है उतनी जरूरत अखिलेश को कांग्रेस की है। राज्य इकाई का मानना है कि मुस्लिम वोटर का रुझान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ होगा, ऐसे में अगर एसपी और कांग्रेस अलग चुनाव लड़ते हैं तो मुस्लिम वोट के बंटवारे का खामियाजा एसपी को भी भुगतना पड़ेगा।
यूपी में ज्यादा सीटों पर लड़ सकती है कांग्रेस
पहले नेशनल अलायंस कमिटी की तरफ से यूपी में कांग्रेस के लिए लोकसभा की 10 सीट तय की गई थी। लेकिन राज्य इकाई के दवाब के बाद कल यूपी के सभी नेताओं से जोन के आधार पर मजबूत सीट और नेताओं की लिस्ट मांगी गई थी। कल देर शाम तक सभी को अपना फीडबैक देने के निर्देश दिए गए थे, और आज की बैठक में यूपी में अधिक सीट मांगने का फैसला लिया गया है।
गठबंधन के अन्य दलों के बात करेंगे कांग्रेस कमिटी के नेता
नेशनल अलायंस कमिटी के नेता अब आने वाले दिनों में दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे। हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से इस काम को शीघ्रता से करने के निर्देश दिए गए हैं। लिहाजा अगले एक-दो दिन में चर्चा शुरू की जा सकती है।
घोषणापत्र पर कांग्रेस में मंथन
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी संभालने वाली कांग्रेस की समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक की और दस्तावेज में शामिल किए जाने वाले विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। लगातार करीब 10 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा से सत्ता छीनने की कोशिश में जुटी कांग्रेस का लक्ष्य जनता के सामने एक वैकल्पिक सकारात्मक एजेंडा पेश करना है। समिति के अध्यक्ष पी.चिदंबरम ने बैठक के बाद कहा, “घोषणापत्र समिति की यह पहली बैठक थी। यह प्रारंभिक विचारों का आदान-प्रदान था कि हम घोषणापत्र के प्रारूप के साथ कैसे आगे बढ़ते हैं। अगली बैठक अगले सप्ताह होगी।”
चिदंबरम के अलावा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस.सिंह देव समिति का हिस्सा हैं। सिंह देव समिति के संयोजक हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, जयराम रमेश, शशि थरूर, रंजीत रंजन, गौरव गोगोई, के.राजू और गैखंगम भी समिति का हिस्सा हैं और बैठक में शामिल हुए। राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी, गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय में समन्वयक गुरदीप सप्पल और अमिताभ दुबे भी अहम समिति का हिस्सा हैं और बैठक में शामिल हुए। (इनपुट-एजेंसी)