अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख नजदीक आ रही है। इस बीच कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के इस कार्यक्रम में शामिल होने या न होने को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। राम मंदिर के कार्यक्रम में जाने के लिए सबसे ज्यादा कांग्रेस के नेताओं में असमंजस की स्थिति है। बता दें कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिला है। अब इस मामले में अपनी कांग्रेस पार्टी के बचाव में सांसद शशि थरूर सामने आए हैं।
मंदिर राजनीतिक मंच नहीं- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मंदिर राजनीतिक मंच नहीं है, मंदिर प्रार्थना की जगह है। मंदिर जाना या न जाना किसी का भी व्यक्तिगत फैसला है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को न्योता मिला है वो तय करेंगे की जाना है या नहीं। अगर मंदिर के आयोजन को राजनीतिक बनाया जा रहा है तो वह मंदिर जाना नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है। इसलिए उन्हें कोई फैसला नहीं करना है।
हमारी विचारधारा CPIM से अलग- थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी जानकारी दी है कि कांग्रेस के कांग्रेस के तीन-चार वरिष्ठ नेताओं को राम मंदिर के कार्यक्रम का निमंत्रण मिला है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा CPIM से अलग है। उन्होंने कहा कि न ही हम CPIM की तरह नास्तिक हैं और ना ही हम बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं। थरूर ने कहा कि हम लोगों की निजी मान्यताओं का सम्मान करते हैं।
मंदिर न जाना हिंदू विरोधी होना नहीं
शशि थरूर ने कांग्रेस पर राम मंदिर कार्यक्रम में जाने और न जाने को लेकर पड़ दवाब पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा जा रहा है कि अगर आप जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप भाजपा के हाथों में हैं, यदि आप नहीं जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप हिंदू विरोधी हैं। जिनकों भी आमंत्रण मिला है उनको उचित विकल्प चुनने दें।