लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है। एक तरर विपक्ष अपने गठबंधन को बढ़ाने और मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। वहीं सत्ताधारी दल भी अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटा हुआ है। इस बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि साल 2024 का लोकसभा चुनाव मतपत्रों पर होना चाहिए ना कि इवीएम पर। उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, 'लोकतंत्र इतना कीमती है कि इसे तकनीकी के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। मुद्दा यह नहीं है कि ईवीएम में हेर-फेर किया जाता है। बल्कि मुद्दा ये है कि ईवीएम में हेरफेर किया जा सकता है।'
ईवीएम के बजाय कागज पर हो वोटिंग
उन्होंने कहा कि कागजी मतपत्रों पर वापस जाने के लिए यह कारण पर्याप्त है। साधारण कारण के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन आखिरकार एक मशीन है। किसी भी तरह से मशीन में धांधली की जा सकती है। मशीन को हैक किया जा सकता है। इसपर रोक लगाई जा सकती है। इसके साथ खिलवाड़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव आयोग के ईवीएम से इस जुड़ाव को नहीं समझ पाता। जिन देशों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को अपनाया, अंत में उन्हें वापस साधारण कागजी मतपत्रों पर वापस जाना पड़ा। क्योंकि ईवीएम में हस्तक्षेप किया जा सकता है। इस कारण लोकसभा चुनाव 2024 मतपत्रों पर होने चाहिए।'
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी नेता या दल द्वारा मतपत्रों पर वोटिंग की बात की जा रही है। इससे पहले विपक्षी दलों द्वारा कई बार वोटिंग या वोटिंग की गणना के दौरान ईवीएम हैकिंग व ईवीएम के दुरुपयोग की बात कही जा चुकी है। अक्सर चुनाव के दौरान ही ईवीएम शब्द की चर्चा ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीच कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और देश में लोकसभा चनाव होने वाले हैं। ऐसे में विपक्षी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाया है। वहीं एनडीए भी लगातार अन्य दलों को अपने साथ जोड़ने में लगी हुई है।