काफी लम्बे समय से कांग्रेस पार्टी की सीडब्ल्यूसी को लेकर चर्चा चल रही थी और अब पार्टी इस महीने के अंत तक इसकी घोषणा कर सकती है। कांग्रेस ने इस साल फरवरी में रायपुर सेशन के दौरान अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत रिजर्वेशन के साथ अल्पसंख्यक और 50 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या 25 से बढ़ाकर 35 करने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया था। बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति यानी CWC पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
कई नए चेहरे लेगे जगह
जानकारी के मुताबिक, CWC में कई नए चेहरे को शामिल किया जाएगा क्योंकि पार्टी ने कई कैटेगरी को 50% रिजर्वेशन देने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, तारिक अनवर, केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक नए सीडब्ल्यूसी में भी महासचिव बने रहेंगे, जबकि अविनाश पांडे, चेल्ला कुमार, एच के पाटिल और दिनेश गुंडोराव जिन्हें हाल ही में कर्नाटक में मंत्री बनाया गया है, लिहाजा वो सीडब्ल्यूसी के सदस्य नही रह सकते। इसके अलावा भक्त चरण दास, मनीष चतरथ, रघु शर्मा और हरीश चौधरी की जगह नए चेहरे लेंगे।
बड़े नेताओं को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
बता दें कि कांग्रेस पार्टी अपने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को जोड़ने की कोशिश करेगी ताकि वे उस टीम का हिस्सा हों जिसके साथ पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वही, अशोक चव्हाण, पृथ्वी राज चव्हाण और हरीश रावत जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को एआईसीसी या उनके राज्यों में जिम्मेदारियां दी जाएंगी, इसके अलावा अजय माकन और सुबोधकांत सहाय जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को एआईसीसी में कुछ भूमिका दी जाएगी। साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व बिजली मंत्री नितिन राउत को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी और उन्हें एक महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी बनाया जा सकता है।
अजय माकन को भी मिल सकती हैं जिम्मेदारी
वहीं, कांग्रेस चुनाव मैनेजमेंट के लिए एक नया विभाग बनाएगी, अजय माकन को इसमें कुछ जिम्मेदारी मिल सकती है, कर्नाटक जीएस रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश जैसे चुनावी राज्य में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया जा सकता है, जहां प्रभारी और पीसीसी राज्य के लोग आपस में भिड़े हुए हैं। कुछ राज्यों के पीसीसी प्रमुख जिनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं, को भी बदला जा सकता है। सूत्रों की मानें तो लिस्ट की घोषणा 23 मई के बाद कभी भी की जा सकती है।