नई दिल्ली : कांग्रेस के 'चिंतन शिविर' पैनल में पार्टी के 'जी-23' समूह के नेताओं को तरजीह दिए जाने पर, पार्टी के एक प्रमुख नेता मनीष तिवारी ने कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं और हमेशा भारत के बहुलवादी विचारधारा में विश्वास करते हैं और साथ ही साथ पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मनीष तिवारी ने मंगलवार को ट्वीट किया, न तो नाराज हूं, न ही असंतुष्ट। न थका हूं, न ही सेवानिवृत्त। भारत के बहुलवादी विचार के लिए प्रतिबद्ध लोगों के रूप में हम एक साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने 'जी-23' के नेता गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को पार्टी के 'चिंतन शिविर' का एजेंडा तैयार करने के लिए गठित समितियों में जगह दी है। 'चिंतन शिविर' मई में राजस्थान के उदयपुर में आयोजित किया जाएगा।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, किसानों के लिए गठित समिति का नेतृत्व करेंगे, जो आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी का मुख्य फोकस होने जा रहा है। जबकि गुलाम नबी आजाद को राजनीतिक मामलों की समिति में सदस्य नियुक्त किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और मनीष तिवारी अर्थव्यवस्था पर समिति के सदस्य होंगे, और वासनिक संगठन पर समिति का नेतृत्व करेंगे।
राजनीतिक मामलों की सबसे महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। पी चिदंबरम द्वारा आर्थिक मामलों की समिति, सलमान खुर्शीद द्वारा सामाजिक न्याय पर समिति और पंजाब कांग्रेस के नए प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग द्वारा युवा और सशक्तिकरण पर समिति की अध्यक्षता की जाएगी। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कांग्रेस की आर्थिक समिति का सदस्य बनाकर प्रमुखता दी गई है।