नई दिल्ली: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में हैं। इस बीच कल गुरुवार को उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात भी की है। वहीं पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उठ रहे सवालों का भी उन्होंने जवाब दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि 'भारत के प्रधानमंत्री से मिलना कोई गुनाह नहीं है, उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित करना भी कोई गुनाह नहीं है और अगर यह गुनाह है तो मैं इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं।' इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को दैवीय शक्तियों का प्रतीक भी बताया है।
सनातन के सेवक के रूप में है पहचान
पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि 'मैं आदरणीय नरेंद्र मोदी जी से पहली बार मिला हूं। मुझे ये कहने में कतई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री जी के ऊपर निश्चित ही किसी दैवीय शक्ति की कृपा है। जो अनुभूति मुझे उनसे मिलकर हुई है, उसके बाद मैं ये कह सकता हूं कि वो एक दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं। उस एहसास को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। उस एहसास को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है।' आगे उन्होंने कहा कि 'मेरी पहचान सनातन के सेवक के रूप में है। मैं भारत के साथ हूं, सनातन के साथ हूं। सनातन वह धर्म है जो सत्य है और शाश्वत है।'
करोड़ों भक्तों की भावनाओं का सम्मान
उन्होंने कहा कि 'श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह का निमंत्रण देने मैं पीएम मोदी के पास गया था। मुझे खुशी है और मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने मेरे निमंत्रण को स्वीकार किया। श्री कल्कि धाम के करोड़ों लोग बहुत खुश हैं। सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की ये भावना थी कि जिस तरह अयोध्या श्री राम के मंदिर का काज नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों के द्वारा हुआ है। उसी तरह भगवान के होने वाले अवतार श्री कल्कि नारायण भगवान के श्री कल्कि धाम के निर्माण के सभी कार्य प्रधानमंत्री जी के हाथों से किए जाएं, करवाए जाएं। करोड़ों भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री जी ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया है। इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।'
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