Highlights
- महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार किसी भी वक्त जा सकती है
- एकनाथ शिंदे के साथ बागी विधायक पूरी मजबूती के साथ अपने स्टैंड पर डटे हैं
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पद त्याग देना चाहिए- कांग्रेस नेता
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस ने बुधवार को अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के उस बयान से दूरी बना ली जिसमें उन्होंने कहा था कि राजनीतिक उठापटक के मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पद त्याग देना चाहिए। कृष्णम ने ट्वीट किया, "सत्ता को “ठोकर” पे मारने वाले स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे जी को मराठा “गौरव” की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए “मुख्यमंत्री” के पद को त्यागने में एक पल का “विलम्ब” भी नहीं करना चाहिए।''
कांग्रेस नेता का ट्वीट
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए ट्वीट किया, "ना तो यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं।" रमेश के ट्वीट पर फिर कृष्णम ने कहा, "अधिकृत तो “टेम्प्रेरी” होता है प्रभु, मैं तो “परमानेंट” हूँ, फिर भी आपको कोई दिक़्क़त है तो ‘जयराम’ जी की।"
किसी भी वक्त जा सकती है उद्धव सरकार
वहीं, आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार किसी भी वक्त जा सकती है। उद्धव ठाकरे को भी पता चल गया कि उनकी सरकार नहीं बचेगी। एकनाथ शिंदे को तेवर को देखते हुए तो लगता है अब मनाने का समय निकल चुका है। एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी गए बागी विधायक पूरी मजबूती के साथ अपने स्टैंड पर डटे हैं। आज दिन में शिवसेना ने बागी विधायकों को डराने के लिए एक चिट्ठी लिखी।
इस चिट्ठी में कहा गया कि आज शाम 5 बजे शिवसेना विधायकों की मीटिंग बुलाई गई हैऔर जो विधायक इस मीटिंग में नहीं आएगा उसकी असेंबली मेम्बरशिप भी जा सकती है और पार्टी से भी निकाला जा सकता है। लेकिन इस धमकी से ना तो एकनाथ शिंदे डरे और ना ही उनके साथ गए विधायक। जैसे ही शिवसेना ने ये चिट्ठी भेजी वैसे ही एकनाथ शिंदे ग्रुप की तरफ से पलटवार हुआ। पहले एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया और लिखा कि ये मीटिंग गैरकानूनी है।