कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' सद्भाव बनाने के लिए विभाजनकारी विचारधारा से मुकाबला करने के लिए है, यह चुनाव जीतने की यात्रा नहीं है। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयराम रमेश ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें देर हो गई, क्योंकि हम चुनावों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे थे और यह यात्रा पहले होनी चाहिए थी, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है और आरएसएस की ओर से फैलाए गए नफरत के जहर को बेअसर करने में सालों लग सकते हैं।"
'यात्रा को 30 तारीख तक श्रीनगर पहुंचना है'
यात्रा के मकसद के बारे में बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह नागरिकों के बीच प्रेम और सद्भाव फैलाने के लिए है और यात्रा ने कुछ हासिल किया है, लेकिन यह चुनावों को कैसे प्रभावित करेगा, इसकी भविष्यवाणी अभी नहीं की जा सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा तीन दिनों के लिए यूपी में थी, इसे 30 तारीख तक श्रीनगर पहुंचना है, क्योंकि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा।
यात्रा के बाद 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान'
उन्होंने कहा कि असली खतरा विभाजनकारी विचारधारा है, जिसका सामना किया जाना चाहिए, क्योंकि यह संस्थानों को कमजोर कर रही है। जयराम रमेश ने कहा, "भारत जोड़ो का संदेश केवल, उन 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों तक सीमित नहीं है, जहां से यात्रा गुजरती है। कई राज्य स्तरीय यात्राओं की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।" उन्होंने बताया कि यात्रा के बाद 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' चलाया जाएगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद यात्रा 6 जनवरी को हरियाणा में प्रवेश करेगी। यात्रा 11 से 20 जनवरी तक पंजाब में होगी और 19 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में एक दिन बिताएगी। इसके बाद यात्रा 20 जनवरी की शाम को जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करेगी।