दिल्ली में आज जबर्दस्त सियासी हलचल का दिन है। कांग्रेस हाईकमान फुल एक्शन में है और दिल्ली से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश पर बहुत बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान की बैक टू बैक मीटिंग चल रही हैं। इस दौरान दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश का कांग्रेस संसद में विरोध करेगी या नहीं, इसपर फैसला होना था। अध्यादेश पर समर्थन को लेकर अजय माकन ने इसका विरोध किया साथ ही यह सलाह दी है कि अध्यादेश पर भी AAP के साथ कांग्रेस को नजर नहीं आना चाहिए।
AAP के साथ ना जाने की कही बात
सूत्रों ने बताया है कि दिल्ली की मीटिंग में कांग्रेस के ज्यादर नेताओ ने 2024 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न करने की बात कही है। इसके अलावा केजरीवाल से मिलने के सवाल पर फैसला नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश पर होगा मंथन
इसके अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश पर भी हाईकमान मीटिंग करेगा जिसमें कई बड़े फैसले होने हैं। इन तीनों मीटिंग में खरगे रहेंगे और राहुल गांधी भी बैठकों में शामिल हो सकते हैं। कर्नाटक का चुनाव बड़े मार्जिन से जीतने के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक का कलह भी फिलहाल सुलझा लिया है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सुलह हो गई है। अब कांग्रेस हाईकमान का एजेंडा राजस्थान में चल रही गहलोत और पायलट के बीच जंग खत्म करना है। बताया जा रहा है कि मीटिंग के लिए राजस्थान सीएम अशोक गहलोत भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि गहलोत और पायलट के साथ एक-एक कर मीटिंग की जाएगी।
अहम बैठक में कौन-कौन
बताया जा रहा है कि आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मालिककार्जुन खड़गे ने ये बैठक बुलाई है। इसमें एमपी कांग्रेस के नेता भी शामिल होंगे और इस दौरान मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी। सुबह 11 बजे से कांग्रेस ऑफिस में मीटिंग जारी है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में राहुल गांधी भी पहुंचे हैं। इसके अलावा पीसीसी चीफ कमलनाथ, अरुण यादव, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, गोविंद सिंह,अजय सिंह, सुरेश पचौरी जैसे नेता मीटिंग में शामिल हुए।
पंजाब से 14 और दिल्ली से 8 नेता बुलाए गए
इससे पहले ये मीटिंग 26 मई को होने वाली थी जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। बताया गया था कि कर्नाटक कैबिनेट विस्तार के कारण ये बैठक टालनी पड़ी थी। अब तक दो बार कांग्रेस की ये महत्वपूर्ण बैठक टल चुकी है। इसके अलावा पंजाब के नेताओं के साथ भी मीटिंग होनी है। पंजाब और दिल्ली के नेताओं के साथ बैठक अध्यादेश पर होनी है। बैठक के लिए पंजाब से 14 और दिल्ली से 8 नेताओं को बुलाया गया है।
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