Tuesday, November 19, 2024
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कांग्रेस ने केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में की रैली, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को भी दिया था न्योता

कांग्रेस की केरल इकाई ने फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली की। इस रैली में कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अभी तक भारत फिलिस्तान का समर्थन करता रहा है, लेकिन मोदी ने इजराइल का समर्थन कर भारत को अपमानित किया।

Reported By : T Raghavan Edited By : Amar Deep Updated on: November 24, 2023 7:45 IST
कांग्रेस ने केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में की रैली।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कांग्रेस ने केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में की रैली।

कोझिकोड: केरल के कोझिकोड में कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने फिलिस्तीन के समर्थन में एक जनसभा का आयोजन किया। इस रैली का उद्घाटन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया। इस रैली में केरल के कांग्रेस गठबंधन में शामिल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को भी खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। बता दें कि केरल के उत्तरी भाग (मालाबार रीजन) में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। इस पूरे संभाग में मुस्लिम लीग का दबदबा है। पिछले महीने मुस्लिम लीग ने भी कोझिकोड में हमास और फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था, जिसमें जुटी भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड दिए थे। हालांकि आज की कांग्रेस की ये मीटिंग फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठाने के लिए थी, लेकिन मंच पर मौजूद एक भी ऐसा नेता नहीं था जिसने फिलिस्तीन की आड़ में PM नरेंद्र मोदी को नहीं कोसा। सभी नेताओं ने कहा कि अब तक भारत फिलिस्तीन को समर्थन करता आया है, लेकिन इजराइल का समर्थन कर PM मोदी ने दुनिया के सामने भारत को अपमानित किया। 

जो गुजरात में हुआ वह अब गाजा में हो रहा

रैली की शुरुआत कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष K सुधाकरण ने PM मोदी को कोसने के साथ की। आज गाजा में जो हो रहा है उसकी तुलना उन्होंने सीधे गुजरात दंगों से कर दी। उन्होंने कहा कि अब तक भारत ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था, लेकिन नरेंद्र मोदी के आने के बाद उस स्टैंड को बदल दिया गया। नरेंद्र मोदी कम्युनल हैं, गुजरात में क्या हुआ आपको पता है, जो गुजरात में तब हुआ वही आज गाजा में हो रहा है। इन धर्मांधों ने गुजरात में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों को लूट लिया था, मां के सामने मासूमों को काट डाला था, पति के सामने पत्नी का रेप इन धर्मांधों ने किया था। गुजरात राज्य से शुरू हुई इस बात की चर्चा अब मोदी के केंद्र में आने के बाद अब दुनिया भर में फैल गई है। आजाद फैसले लेने की बजाय मोदी ने विदेशी ताकतों के कहने पर धर्मनिरपेक्षता को दरकिनार कर फिलिस्तीन के खिलाफ स्टैंड लिया है। यह अस्वीकार्य है, इसके खिलाफ लड़ना होगा, एकजुट होना होगा। फिलिस्तीन की जनता की रक्षा सिर्फ वहां के लोगों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इस दुनिया की सभी धर्म निरपेक्ष दलों का दायित्व है। इंडियन नेशनल कांग्रेस जैसे धर्म निरपेक्ष दल को इस दायित्व को निभाना है और इसमें हम सबको साथ देना है।

कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया की सरकार ही एकमात्र समाधान

इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता PK कुंझाली कुट्टी ने कहा कि इण्डिया गठबंधन की सरकार बननी चाहिए, वो भी कांग्रेस के नेतृत्व में बननी चाहिए तभी इंडिया के हालात बदलेंगे। भारत को आज के हालात से मुक्त करने का एक ही तरीका है देश में इंडियन नेशनल कांग्रेस की सरकार। फिलिस्तीन समस्या का समाधान भी तभी निकलेगा जब भारत में कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। 

नेतन्याहू और नरेंद्र मोदी एक ही टाइप के लोग

आगे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव KC वेणुगोपाल ने कहा कि अमेरिका से पहले नरेंद्र मोदी ने इजराइल को समर्थन देने का एलान कर दिया। इतनी जल्दबाजी क्या थी, क्यों इजराइल को लेकर इतना प्रेम है, क्यों नरेंद्र मोदी इजराइल को इतना प्यार करते हैं। UN में युद्ध विराम के प्रस्ताव का भी भारत ने समर्थन नहीं किया। PM नरेंद्र मोदी के इस फैसले ने देश को अपमानित किया। नेतन्याहू और नरेंद्र मोदी दोनों एक ही टाइप के हैं। एक व्यक्ति जायोनिज्म के नाम पर तो दूसरा धर्म के नाम पर। नरेंद्र मोदी की विदेश नीति अपनी पार्टी को चुनाव जिताने के PR एक्सरसाइज से ज्यादा और कुछ भी नहीं है। यही काम वहां नेतन्याहू कर रहे हैं।

मोदी सरकार ने जो किया उसका समर्थन नहीं किया जा सकता

आखिरी में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति हमारे देश की दशकों से चली आ रही विदेश नीति के खिलाफ है। इस मोदी सरकार ने जो कुछ किया है उसका समर्थन नहीं किया जा सकता। आपको पता है यूनाइटेड नेशंस की जनरल एसेंबली ने बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पास कर तुरंत युद्ध विराम की बात कही, लेकिन भारत महात्मा गांधी के भारत ने शांति बहाली के लिए वोट नहीं किया और मोदी सरकार ने खुद को इस प्रस्ताव से अलग कर लिया। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस पार्टी ने तब भी इसका विरोध किया था और अब भी इसके खिलाफ आवाज उठा रही है।

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