राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 31 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त हो गई। जहां कांग्रेस ने इस यात्रा को बेहद सफल बताया था तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस यात्रा को असफल बताया था। कांग्रेस की यह यात्रा 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इस दौरान राहुल गांधी देश के कई हिस्सों में होते हुए 3500 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक पैदल चले थे। इस दौरान शुरूआती दिनों में ही राहुल गांधी इस यात्रा को छोड़ना चाहते थे।
के सी वेणुगोपाल ने बताई वजह
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने केरल में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के शुरुआती दिनों में ऐसी स्थिति आ गई थी कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने घुटने की गंभीर समस्या की वजह से किसी और को यात्रा का नेतृत्व देने पर विचार किया था। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले वेणुगोपाल ने कहा कि स्थिति ऐसी उत्पन्न हो गई थी कि प्रियंका गांधी को भी कहना पड़ा था कि उनके भाई गंभीर दर्द की वजह से राष्ट्रव्यापी पैदल मार्च से हट सकते हैं और यात्रा की कमान वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को दे सकते हैं।
'राहुल गांधी के बिना यात्रा अकल्पनीय थी'
भारत जोड़ यात्रा में शामिल यात्रियों को सम्मानित करने के लिए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया, ‘‘राहुल गांधी के घुटने का दर्द और बढ़ गया जब यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होने के बाद तीसरे दिन केरल में दाखिल हुई। उन्होंने मुझे घुटने के दर्द की गंभीरता बताने के लिए बुलाया और सुझाव दिया कि किसी अन्य नेता के नेतृत्व में यात्रा को जारी रखा जाए।’’ घटनाओं की सिलसिलेवार जानकारी देते हुए वेणुगोपाल ने बताया कि सात सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई और केरल में दाखिल हुई। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के बिना यात्रा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए अकल्पनीय थी।