संसद में अब सरकार और विपक्ष के बीच ब्लैक एंड व्हाइट जंग शुरू हो गई है। मोदी सरकार जहां UPA सरकार के 10 साल के कुप्रबंधन पर व्हाइट पेपर लेकर आने वाली है उससे पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार के खिलाफ 'ब्लैक पेपर' जारी किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए खरगे ने कहा, "हम बेरोजगारी का मुख्य मुद्दा उठा रहे हैं, जिस पर बीजेपी कभी बात नहीं करती। केरल, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे गैर-बीजेपी राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसी पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि ये हमारी सरकार में समृद्धि पर काले टीके की तरह है। हमारे अच्छे काम पर विरोधी काला टीका लगा रहे हैं।
घोटालों की लड़ाई..'व्हाइट' Vs 'ब्लैक' पर आई
बता दें कि बीजेपी भी कांग्रेस के मनमोहन सरकार के 10 सालों के खिलाफ श्वेत पत्र लाने की तैयारी में है। इस पत्र में मनमोहन सरकार के दौरान हुए इकोनॉमिक मिसमैनेजमेंट के बारे में डिटेल जानकारी होगी। संसद के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार संसद के दोनों सदनों में श्वेत पत्र लेकर आएगी। इसके जरिए सरकार 2014 से लेकर 2024 तक अपने कार्यकाल के दौरान हुए कामकाजों का लेखा-जोखा सदन के पटल पर रखेगी। इसके साथ ही इस श्वेत पत्र के जरिए पिछली (UPA) सरकार के कुप्रबंधन और गलत नीतियों के बारे में भी जानकारी देगी।
क्या होता है श्वेत पत्र?
बजट सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले श्वेत पत्र के बारे में बता दें कि यह तरह से सूचनात्मक रिपोर्ट कार्ड होता है जिसमें सरकार की नीतियों, कामकाजों और अहम मसलों को रेखांकित किया जाता है। खासतौर पर सरकारें 'श्वेत पत्र' किसी मसले पर बहस करने, सुझाव लेने या देने के साथ एक्शन के लिए लाती है। इसके अलावा किसी खास मुद्दे पर परिणाम तक पहुंचने के लिए यह पत्र लाया जाता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार श्वेत पत्र के जरिए यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि आर्थिक रूप से देश 2014 तक कहां था और अब कहां है। इसके साथ ही 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को इसमें सूचीबद्ध किया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने ब्लैक पेपर किया जारी
नरेंद्र मोदी सरकार के 10 साल के प्रदर्शन पर जारी होने वाले 'श्वेत पत्र' का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस 'ब्लैक पेपर' लेकर आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को ब्लैक पेपर जारी किया है और केंद्र पर इसके जरिए निशाना साधने की कोशिश की है। सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर को जारी करते हुए खरगे ने कहा कि सरकार यह बताने की कोशिश नहीं करेगी की उनके 10 साल के कार्यकाल में कितने लोगों को नौकरी मिली। मनरेगा फंड जारी करने में वह राज्यों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा केंद्र की सत्ता में है ऐसे में सवाल है कि आज महंगाई पर काबू पाने के लिए उन्होंने क्या किया है।
खरगे ने सोशल मीडिया के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह अपने बारे में बात करने के बजाय सिर्फ कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं। आज भी उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के बारे में बात नहीं की?
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