नई दिल्ली: मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है। पार्टी में कई नामों पर विचार चल रहा है लेकिन अभी तक किसी नाम का औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक पार्टी आज इन तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक तय कर सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 9 और 10 दिसंबर को तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा।
दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बैठकों का दौर जारी
विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के 6 दिन बाद भी इस सवाल पर सस्पेंस बरकरार है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सीएम कौन होगा। दिल्ली में इस सिलसिले में बीजेपी के शीर्ष नेताओं की मुलाकात और बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सीएम के नाम को लेकर लंबा मंथन किया।
आज तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों का ऐलान
तीनों राज्यों में बहुमत हासिल करने के बाद सबसे पहले पांच दिसंबर को सीएम फेस पर मोदी की शाह और नड्डा के साथ चार घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। फिर अगले दिन करीब डेढ़ घंटे मोदी और शाह ने मंथन किया। इसके बाद गुरुवार को भी पीएम मोदी और अमित शाह ने करीब एक घंटे तक चर्चा की। अब ये जानकारी मिली है कि आज तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान होगा।
राजस्थान में बीजेपी की बढ़ सकती है मुश्किलें
इस बीच राजस्थान में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा के पांच विधायकों के मंगलवार को जयपुर के एक रिसॉर्ट में एक साथ ठहरने से गोलबंदी की अटकलें लगाई जा रही हैं। पांच भाजपा विधायक मंगलवार रात सीकर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में ठहरे थे। हालांकि, विधायकों में शामिल ललित मीणा ने अपने पिता हेमराज मीणा को फोन कर दिया। इसके बाद विधायक के पिता द्वारा जयपुर स्थित पार्टी कार्यालय को सूचित किया गया और बुधवार की सुबह विधायक ललित मीणा को वहां से लाया गया। ललित मीणा ने वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह पर गोलबंदी की कोशिश का आरोप लगाया है। राजस्थान से लेकर दिल्ली तक इस गोलबंदी के आरोप की चर्चा होने लगी है। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज किया है।
जेपी नड्डा से मिलीं वसुंधरा
वहीं दिल्ली पहुंचीं वसुंधरा राजे की काफी लंबे इंतजार के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो पाई। राजे के साथ उनके बेटे दुष्यंत भी पहुंचे थे जिनपर विधायकों की गोलबंदी का आरोप लगा है। नड्डा के आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात लगभग डेढ़ घंटे तक चली।वहीं सीपी जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी फैसला पार्टी की विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा। जोशी ने कहा कि विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं और बैठक तय होते ही जयपुर आ जायेंगे। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी, जिसके बाद आगे प्रक्रिया पूरी होगी।’’