Saturday, December 21, 2024
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एलएसी पर तवांग में भारत-चीन के बीच झड़प, अरविंद केजरीवाल ने जवानों को लेकर कही ये बात

Kejriwal on India-China clash in Tawang: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को हुई झड़प को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस झड़प में भारत के करीब 8 सैनिक और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 12, 2022 23:37 IST, Updated : Dec 12, 2022 23:37 IST
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली
Image Source : PTI अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली

Kejriwal on India-China clash in Tawang: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को हुई झड़प को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस झड़प में भारत के करीब 8 सैनिक और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं। अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि ‘‘हमारे जवान देश का गौरव हैं।’’ इस घटना को लेकर ‘पीटीआइ’ के एक ट्वीट को टैग करते हुए केजरीवाल ने लिखा, ‘‘हमारे जवान देश की शान हैं। उनके शौर्य को मैं सलाम करता हूं और ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

आपको बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई थी, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ भारतीय सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई। पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है।

अक्टूबर में भी दोनों सेना के बीच हुआ था टकराव

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने पूर्वी थिएटर में एलएसी पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। पूर्वी थिएटर में बड़े पैमाने पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगते सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं तथा सीमांत क्षेत्रों में तवांग और उत्तरी सिक्किम क्षेत्र सहित कई संवेदनशील अग्रिम स्थान हैं।

सेना ने किया नियंत्रण का दावा
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना ने एक प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया है और पिछले दो वर्षों में क्षेत्रों की समग्र निगरानी में काफी सुधार हुआ है। सितंबर में, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा था कि भारतीय सेना एलएसी पर पीएलए की गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। गौरतलब है कि पांच मई, 2020 को शुरू हुए पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के निकट बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है।

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