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चुनाव Flashback: जब 1999 में एक वोट से गिर गई थी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार, इस नेता ने रचा था चक्रव्यूह

अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीतिक दुनिया में अजातशत्रु कहा जाता था। उनके विरोधी भी उनकी तारीफ करते पाए जाते थे क्योंकि उनका संवाद कौशल सभी को अपना मुरीद बना लेता था। लेकिन 1999 में एक वक्त ऐसा भी आया, जब महज एक वोट से उनकी सरकार गिर गई थी।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: April 23, 2024 20:01 IST
Chunav Flashback- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV GFX 1999 में 13 महीने ही चल पाई थी वाजपेयी सरकार

नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के सबसे पॉपुलर नेताओं में से एक थे। वह भारत के 3 बार प्रधानमंत्री रहे। सबसे पहले वह साल 1996 में 13 दिन के लिए देश के पीएम रहे। दूसरी बार वह 1998 से 1999 तक पीएम रहे। ये सरकार केवल 13 महीने चली। तीसरी बार वह 1999 से 2004 तक पीएम रहे। 

एक वोट से गिर गई अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार

ये वाकया 1999 का है, जब अटल सरकार केवल 13 महीने ही चल पाई और महज एक वोट से गिर गई। दरअसल अटल 1998 में दूसरी बार पीएम बने थे। लेकिन राजनीतिक समीकरण कुछ ऐसे बने कि 17 अप्रैल 1999 को उन्हें लोकसभा में बहुमत साबित करना था। ये दिन अटल सरकार के लिए बहुत बुरा साबित हुआ और उनके समर्थन में 269 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 270 वोट पड़े। वाजपेयी सरकार विश्वास मत हार गई और गिर गई।

इस नेता की वजह से लगा झटका

अटल सरकार में पीएम के निजी सचिव रहे शक्ति सिन्हा की बुक 'द इयर्स दैट चेंज्ड इंडिया' में इस बात का जिक्र मिलता है। इसमें उन्होंने तमाम नेताओं का जिक्र किया है, जिसकी वजह से अटल सरकार गिरी। इसी में एक अहम नाम अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की जे जयललिता का भी आता है।

एआईएडीएमके की नेता जे जयललिता अटल सरकार की प्रमुख सहयोगी थीं लेकिन बाद में उन्होंने गांधी परिवार से हाथ मिला लिया और अटल सरकार को गिराने की रणनीति बना ली। जयललिता ने तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन से मुलाकात के बाद वाजपेयी सरकार से समर्थन वापस लेने की चिट्ठी सौंपी। इसके बाद ही तत्कालीन पीएम वाजपेयी से कहा गया कि वह संसद में सरकार का बहुमत साबित करें। 

अन्नाद्रमुक नेता जयललिता के समर्थन वापस लेने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार अल्पमत में गई थी और बाद में विश्वास मत हार गई थी। कहा जाता है कि वाजपेयी सरकार गिराने में उस एक वोट के पीछे तत्कालीन कांग्रेस सांसद गिरधर गमांग और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सैफुद्दीन सोज जिम्मेदार थे। जिस दिन अटल सरकार गिरी थी, उसके दूसरे ही दिन फारुख अब्दुल्ला ने सोज को पार्टी से निकाल दिया था।

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