Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. चुनाव Flashback: 1985 बिजनौर उपचुनाव, जब मीरा कुमार, रामविलास पासवान और मायावती में हुई थी कांटे की टक्कर

चुनाव Flashback: 1985 बिजनौर उपचुनाव, जब मीरा कुमार, रामविलास पासवान और मायावती में हुई थी कांटे की टक्कर

गिरधारी लाल के निधन के बाद 1985 में बिजनौर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस से मीरा कुमार चुनावी मैदान में उतरी और पहली बार सांसद बनीं। उन्होंने लोकदल प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को चुनाव हराया था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: April 22, 2024 14:34 IST
meira kumar mayawati- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मीरा कुमार ने रामविलास पासवान और मायावती को हराया था।

1985 में उत्तर प्रदेश की बिजनौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की मीरा कुमार, जनता दल के राम विलास पासवान और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मायावती के बीच दिलचस्प उपचुनाव मुकाबला हुआ था। इसमें मीरा कुमार ने जीत हासिल की थी लेकिन रामविलास पासवान को भी बिजनौर के लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया था। यह पहली बार था जब कांग्रेस नेता मीरा कुमार चुनावी राजनीति में उतरीं और उनका सामना दो बड़े दलित नेताओं, राम विलास पासवान और मायावती से हुआ। एक दलित परिवार से आने वाली मीरा कुमार ने इस चुनौती स्वीकार किया और अनुसूचित जाति (SC) विरोधियों के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी साबित की।

बिजनौर में डेरा डाले थे मुलायम सिंह और शरद यादव

कांग्रेस के गिरधारी लाल के निधन के बाद खाली हुई बिजनौर लोकसभा सीट पर 1985 में उपचुनाव हुआ था। कांग्रेस से बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार ने अपना पहला चुनाव लड़ा था। उनका मुकाबला उस समय लोकदल में रहे रामविलास पासवान से था। मान्यता प्राप्त दल नहीं होने के कारण बसपा प्रत्याशी होते हुए भी मायावती निर्दलीय मैदान में थी। बताया जाता है कि चुनाव में प्रचार करने के लिए मुलायम सिंह यादव, शरद यादव समेत कई नेता बिजनौर में कई दिनों तक डेरा डाले हुए थे।

हार के बावजूद चमके थे रामविलास पासवान

इस रोमांचक चुनाव में कांग्रेस की दलित नेता ने लोकदल प्रत्याशी राम विलास पासवान को 5,339 वोटों के अंतर से हराया। बसपा सुप्रीमो मायावती निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ीं और वे तीसरे नंबर पर रहीं। मीरा कुमार को कुल 1,28,086 वोट मिले। वहीं, राम विलास पासवान को 1,22,747 वोट मिले जबकि मायावती को 61,504 वोट मिले। हार के बावजूद यह रामविलास पासवान की लोकप्रियता ही थी, कि हार का अंतर करीब 5 हजार वोट का ही रहा था।

लोकसभा चुनाव के बाद, मीरा कुमार को 1986 में विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। मीरा कुमार पूर्व उपप्रधानमंत्री और प्रमुख अनुसूचित जाति नेता जगजीवन राम की बेटी हैं।

बिजनौर में 19 अप्रैल को हुई थी वोटिंग

2024 में, बिजनौर में मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) के दीपक सैनी, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के चंदन चौहान और बसपा के चौधरी विजेंद्र सिंह के बीच है। बिजनौर में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान संपन्न हो चुका है।

यह भी पढ़ें-

चुनाव Flashback: ..जब संजय गांधी की इस नीति की वजह से हुई थी कांग्रेस की करारी हार, युवा हो गए थे पार्टी से दूर

चुनाव Flashback: जब इंदिरा की मनमानी के कारण 1967 में कांग्रेस दिल्ली में एक सीट पर सिमट गई थी

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement