हाल में ही बेंगलुरु में विपक्ष 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो गए। विपक्ष ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना एजेंडा तय किया तो दूसरी तरफ एनडीए ने भी विपक्ष को टक्कर देने के लिए 38 दलों के साथ एक बैठक की। एनडीए की ये बैठक दिल्ली में हुई। दिलचस्प बात तो ये रही कि इस बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों ही धड़े शामिल हुए। बैठक के दौरान एक अलग ही नजारा दिखा, जब चिराग पासवान ने अपने चाचा पारस के पैर छुए तो उन्होंने भी चिराग को गले लगा लिया। बता दें कि चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस पार्टी टूट के बाद से अलग-थलग हो गए थे।
रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही दूरी
गौरतलब है कि दोनों के बीच रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही दूरियां देखने को मिलीं थीं और ये दूरियां पार्टी को लेकर जंग में तब्दील हो गई थीं। जानकारी के मुताबिक, अब दोनों नेता हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर दावा कर रहे हैं। बता दें कि पशुपति पारस पहले ही कह चुके हैं कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और लोक जनशक्ति पार्टी का विलय नहीं होगा। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चिराग की पार्टी है।
एनडीए की बैठक में चिराग पासवान ने न केवल अपने चाचा का ही 'दिल' नहीं जीता बल्कि पीएम मोदी ने भी उनको गले लगाया। चिराग पासवान ने ट्विटर पर खुद वीडियो शेयर कर जानकारी दी। बता दें कि हाल ही में पशुपति पारस ने कहा था, चिराग का हाजीपुर में कोई अस्तित्व नहीं है, पता नहीं वह वहां क्यों अपना समय खराब कर रहे हैं। इसके बाद से ही लोग कयास लगा रहे थे कि चिराग भी अपने चाचा को रिक्शन देंगे।
आगामी चुनाव में जीत पर फोकस
गौरतलब है कि अभी पशुपति पारस मोदी सरकार में मंत्री हैं। पारस ने कहा था कि जब रामविलास पासवान जीवित थे तब चिराग ने कभी हाजीपुर लोकसभा से चुनाव क्यों नहीं लड़ा। उन्होंने जमुई सीट को क्यों चुना था। हालांकि बैठक के बाद उन्होंने एनडीए में चिराग की एंट्री का विरोध नहीं किया है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वह उनका स्वागत भी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों को मिलकर आगामी चुनाव में जीत हासिल करने पर फोकस करना है।
बीजेपी से सकारात्मक जवाब
सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान ने अमित शाह के साथ बैठक में 6 लोकसभा और एक राज्य सभा सीट को लेकर बात की है। हालांकि उनकी बात पर सहमति बनी है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। पासवान ने कहा, भाजपा नेताओं से बातचीत के बारे में खुलासा कर देना गठबंधन धर्म के विपरीत है। हालांकि उन्हें बीजेपी से सकारात्मक जवाब के संकेत मिले हैं।
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