पटना: बिहार में चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच हो रही लड़ाई ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। हर रोज यह लड़ाई बढ़ती ही जा रही है। चाचा और भतीजे के दल NDA में शामिल हो चुके हैं, लेकिन विवाद नहीं थम रहा है। विवाद की जड़ हाजीपुर लोकसभा सीट है। यहां से कभी रामविलास पासवान सांसद हुआ करते थे। साल 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। उनकी जगह पर उनके छोटे भाई पशुपति पारस ने चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंचे।
हाजीपुर से ही लड़ना चाहते हैं चिराग और पशुपति पारस
कुछ दिनों पहले इस सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने चुनाव लड़ने की बात कही। इसके कुछ दिनों बाद ही पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वह ही इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद कहा गया कि बीजेपी ने दोनों को NDA में शामिल तो कर लिया है लेकिन चाचा-भतीजे के बीच दरार अभी भी कायम है। समय-समय पर इसका प्रमाण भी मिल ही जाता है।
'मीडिया किसी को सीट नहीं देने वाला'
अब इसी मामले को लेकर चिराग पासवान का बड़ा बयान सामने आया है। चिराग ने कहा है कि गठबंधन में किसी भी विषय को लेकर घटक दलों से बातचीत करनी चाहिये। इस बारे में मीडिया से बात करने का सही मंच नहीं है। मीडिया किसी को सीट नहीं देने वाला है। सीट घटक दल देंगे, इसलिए आपको बात भी घटक दलों से ही करनी चाहिए। चिराग ने कहा कि सीटों का बंटवारा सभी मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल होने से पहले मैंने अपनी चिंताएं सामने रखीं, जिसे मेरी शर्तों के रूप में दिखाया गया।
मेरा गठबंधन बीजेपी से हुआ है- चिराग
चिराग पासवान ने कहा कि मेरा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ हुआ है और बीजेपी का कई अन्य दलों के साथ गठबंधन हुआ है। सभी दलों की बैठक होगी और उसी बैठक में सीटों की संख्या और चयन को लेकर बातें आम सहमति से तय की जाएंगी। उससे पहले सीट को लेकर किसी भी तरह की बात करना गठबंधन के धर्म के खिलाफ होगा।
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