Highlights
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा
- नरेंद्र तोमर और किरेन रिजिजू की मौजूदगी में हुए शामिल
- अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का बीजेपी में विलय किया
Captain Amarinder Singh: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का BJP में विलय कर दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू, बीजेपी नेता सुनील जाखड़ और बीजेपी पंजाब प्रमुख अश्विनी शर्मा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली।
"कैप्टन साहब के आने से बीजेपी होगी मजबूत"
अमरिंदर सिंह को पार्टी में शामिल कराने के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का बीजेपी में स्वागत है। पंजाब सीमावर्ती राज्य है, इसलिए देश की रक्षा के लिए पंजाब में शांति और सुरक्षा जरूरी है। तोमर ने कहा कि कैप्टन साहेब की सोच बीजेपी से मिलती जुलती है। सबसे पहले राष्ट्र और फिर पार्टी बीजेपी की सोच है, जिसे कैप्टन साहब ने हमेशा अपनाया।
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि कैप्टन साहेब का बीजेपी में आना इस बात का सुबूत कि वह शांति के पक्षधर हैं। पीएम मोदी पंजाब और सिख समाज के मान-सम्मान के लिए सदैव समर्पित रहते हैं। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कैप्टन साहेब और टीम के आने से बीजेपी मजबूत होगी। वहीं इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत जैसे विविधताओं वाले देश के लिए सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। पंजाब जैसे संवेदनशील राज्य को सही लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए।
कैप्टन को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
जानकारों का मानना है कैप्टन अमरिंदर सिंह को बीजेपी में शामिल होने के बाद कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। बीजेपी पंजाब में संगठन को मजबूत करने में जुटी है और कुछ ही दिनों में पंजाब बीजेपी प्रदेश प्रमुख कैप्टन अश्वनी शर्मा का कार्यकाल खत्म होने वाला है। लिहाजा अमरिंदर को पंजाब बीजेपी प्रदेश प्रमुख बनाया जा सकता है। वहीं कैप्टन के अलावा उनके साथियों को भी अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले साल सीएम पद से दिया था इस्तीफा
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और पीएलसी का गठन किया था। पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद सिंह को भी अपने गढ़ पटियाला शहर सीट से शिकस्त मिली थी।