इजरायल-हमास युद्ध के बीच तत्काल संघर्ष विराम को लेकर शुक्रवार (27 अक्टूबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया। इसपर जब वोटिंग की गई तो भारत ने इससे दूरी बना ली। इसके बाद से ही राजनीति शुरू हो गई है। इस बीच बसपा सांसद दानिश अली ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'इजरायली सेना फिलिस्तीनियों का कत्लेआम कर रही है और दुनिया इसे एक एक्शन फिल्म की तरह देख रही है। बहुत सारे पत्थर दिल लोग तो मासूम बच्चों के कत्लेआम पर भी खुश हो रहे रहें या लाशों की गिनती कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि मैंने कभी अपनी कल्पना में भी नहीं सोचा था कि भारत मजलूमों को उनके हाल पर छोड़ देगा और उन जालिमों के साथ खड़ा नजर आएगा जो हिंसा में विश्वास करते हैं और उनकी नजर में मासूम बच्चे, बेबस महिलाएं और बुजुर्ग सब उनके दुश्मन हैं और दुनिया ने उन्हें सब को मिट्टी में मिला देने का लाइसेंस दे दिया है।
इजरायल-फिलिस्तीन पर बोले दानिश अली
दानिश अली ने कहा, 'मैं वास्तव में यह देखकर स्तब्ध रह गया जब मेरे देश ने युद्धविराम के लिए मतदान में हिस्सा नहीं लिया। और गाजा में शांति लाने और फिलिस्तीनी बच्चों की जान बचाने में एक बड़ी भूमिका निभाने का अवसर खो दिया। भारत की स्थापना सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर हुई थी, वे मूल सिद्धांत जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत भारतीय संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता और दुनिया में अद्वितीय पहचान को परिभाषित करते हैं। वे भारत के नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में इसके कार्यों का मार्गदर्शन किया है।'
मुस्लिम संगठन ने सरकार से जताई नाराजगी
उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि जब गाजा में मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया हो, भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई हो, लाखों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को खत्म किया जा रहा हो, तब खामोशी से यह सब होते देखना किसी भी तरह से ठीक नहीं है। एक राष्ट्र के रूप में हम उन सभी चीजों के लिए खड़े हुए हैं जिनके लिए हमारा देश अपने पूरे जीवनकाल में खड़ा रहा है। मैं अपने देश के शीर्ष नेतृत्व से मानवता के मूल सिद्धांतों के साथ रहकर दुनिया में हमारी विशेष पहचान की रक्षा करने और गाजा में तड़पते बच्चों और डूबती इंसानियत को बचाने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह करता हूं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में मतदान से दूरी बनाने को लेकर मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया जमीयत उलेमा ने नाराजगी जताई है।