संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर चर्चा जारी है। कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने इस बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया है। हालांकि, बिल का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इसमें कुछ खामियां भी गिनाई हैं। वहीं, अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा है।
15-16 वर्षों तक आरक्षण नहीं
महिला आरक्षण बिल पर सवाल उठाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बिल में इस प्रकार के प्रावधान बनाए गए हैं जिसके तहत लगभग 15-16 वर्षों तक यानी कई चुनाव तक देश की महिलाओं को ये आरक्षण प्राप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं जिसके तहत पहले पूरे देश में जनगणना कराई जाएगी। यानी बिल पास हो जाएगा लेकिन तुरंत लागू नहीं होगा। तब उसके पश्चात पूरे देश में लोकसभा और राज्यसभा का परिसीमन होगा। इसके बाद महिला आरक्षण विधेयक लागू होगाा।
2011 में हुई थी जनगणना
मायावती ने कहा कि देश में नए सिरे से जनगणना कराने में काफी वक्त लगता है। 2011 में में पिछली बार जनगणना हुई थी। इसके बाद से आज तक पुन: जनगणना नहीं हो पाई। इस नई जनगणना में अनेकों वर्ष लगेंगे फिर परिसीमन होगा। परिसीमन में भी कई साल फिर से लगेंगे। इस परिसीमन के पश्चात महिला आरक्षण बिल को लागू किया जाएगा। जबकि 128वें संशोधन विधेयक की सीमा ही 15 साल रखी गई है। इस प्रकार से ये स्पष्ट है कि ये बिल महिलाओं को आरक्षण देने की साफ नीयत से नहीं लाया गया है। बल्कि आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में देश की भोली-भाली महिलाओं को प्रलोभन देकर उनका वोट हासिल करने की नीयत से लाया गया है।
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