नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी और पार्टी के अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के करीब तीन घंटे बाद रिहा कर दिया गया। ये लोग केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर कृषि भवन पर धरना दे रहे थे।
हमें घसीटा गया और अपमानित किया गया
मंगलवार रात रिहाई के बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा-'बंगाल के लिए लड़ रहे लोगों को तीन घंटे तक इंतजार कराया गया.. मंत्री भाग गए। हम वहां शांति से बैठे थे लेकिन अचानक पुलिसवालों ने महिलाओं समेत हम सभी पर हमला कर दिया। हमें घसीटा गया और अपमानित किया गया। बनर्जी ने कहा- 'आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। हमारे सांसदों को जिस तरह परेशान किया गया, वह सबके सामने है।'
बदसलूकी के खिलाफ 5 अक्टूबर को अभियान
अभिषेक बनर्जी ने कहा-'पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ 5 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे राजभवन में हम 1 लाख लोगों के साथ 'राजभवन अभियान' चलाएंगे। हम राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे और उन्हें 50 लाख चिट्ठियां सौंपेंगे।
केंद्र और बंगाल के बीच रस्काकशी तेज
दरअसल, पश्चिम बंगाल को फंड जारी करने की मांग को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच रस्साकशी तेज हो गई है। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरे दिन दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। महात्मा गांधी की जयंती पर राजघाट पर दो घंटे तक धरना देने के एक दिन बाद अभिषेक बनर्जी ने टीएमसी सांसदों, विधायकों और राज्य के मंत्रियों तथा समर्थकों सहित मनरेगा श्रमिकों के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय तक निकाला मार्च
बाद में, उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला। यहां उनका केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात करने का उनका कार्यक्रम था। कृषि भवन जाने के करीब डेढ़ घंटे बाद टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी।
रात नौ बजे तक धरना ,पुलिस ने हिरासत में लिया
अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेताओं का एक समूह धरने पर बैठ गया। करीब रात नौ बजे तक यह धरना जारी रहा जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मंत्रालय परिसर से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने देर रात तृणमूल नेताओं को रिहा कर दिया। (इनपुट-एजेंसी)