Highlights
- बारामूला में अमित शाह की सभा में भारी भीड़ उमड़ी थी।
- विधानसभा चुनावों में पूरी पारदर्शिता होगी: अमित शाह
- बीजेपी को उम्मीद है कि वह चुनावों में बेहतर करेगी।
Amit Shah Baramulla Rally: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों की आहट होने लगी है और आने वाले कुछ महीनों में सूबे में एक बार फिर से सियासी बयार बहने के पूरे चांस हैं। निर्वाचन आयोग विधानसभआ चुनावों के लिए जमीन बनाने के मद्देनजर तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा में बड़े पैमाने पर लोगों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि घाटी में हालात बदल रहे हैं।
‘पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत नहीं होगी’
शाह ने अपने संबोधन में कहा था कि पाकिस्तान से किसी भी तरह की बतचीत नहीं होगी। इस पर बोलते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा कि वे ऐसी किसी भी पार्टी से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे जो पड़ोसी देश से बातचीत की वकालत करे, या जिसका जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ किसी भी प्रकार का संबंध हो। केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी की रणनीति जुड़े सवाल के जवाब में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘ऐसी किसी भी पार्टी के साथ हमारा सियासी रिश्ता नहीं होगा।’
‘सबको पता है कि आतंकवाद के पीछे कौन देश है’
बता दें कि कश्मीर के 2 बड़े सियासी दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, आतंकवाद प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में शांति बहाल करने के लिये हमेशा से पाकिस्तान के साथ बातचीत की पक्षधर रही हैं। बीजेपी के एक नेता ने कहा, ‘देश के एक हिस्से में शांति के लिये हमें उस पाकिस्तान के साथ बातचीत क्यों करनी चाहिये जो हमारे देश में आतंकवाद को हमेशा बढ़ावा देता है। हम तो कहेंगे कि भारत को जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से बात करनी चाहिए क्योंकि सबको पता है कि इसके पीछे यही देश है।’
आजाद की पार्टी ने भी नहीं होगा BJP का गठबंधन!
बीजेपी नेता ने जोर देकर कहा, ‘हमारी सरकार आतंकवादियों को जड़ से खत्म करने पर काम कर रही है।’ बीजेपी सूत्रों ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के साथ गठबंधन की किसी संभावना से भी इंकार किया, जिसका गठन हाल ही में कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में जब भी चुनाव हो, बीजेपी को उम्मीद है कि वह इसमें बेहतर करेगी। पार्टी के एक बड़े नेता ने दावा किया कि करीब 3 दशक के बाद केंद्रीय कैबिनेट के किसी वरिष्ठ मंत्री ने बारामूला में किसी रैली को संबोधित किया है।
शाह की रैली ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकी
बता दें कि बारामूला उत्तर कश्मीर का एक जिला है, जिसके बारे में एक समय यह समझा जाता था कि यह आतंकवाद का गढ़ है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन और ‘आयुष्मान भारत’ के तहत स्वास्थ्य सेवा को जमीन पर काफी पसंद किया जा रहा है। शाह की रैली मंगलवार को राजौरी में जबकि बुधवार को बारामूला में हुयी, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है जो चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। ऐसा लगता है कि मतदाता सूची तैयार करने का काम समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश में चुनाव कराये जाने की घोषणा की जाएगी।
‘पूरी पारदर्शिता के साथ कराया जाएगा चुनाव’
कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की बातचीत को खारिज करते हुये शाह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों से बातचीत करने में ज्यादा दिलचस्पी लेती है। शाह ने साथ ही लोगों को आश्वस्त किया कि विधानसभा चुनाव ‘पूरी पारदर्शिता’ के साथ कराया जायेगा। जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने और प्रदेश के विभाजन के बाद घाटी में अपनी पहली सार्वजनिक रैली में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।